Bengal Govt: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ममता सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने राम नवमी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया। इस संबंध में शनिवार को सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
बंगाल वित्त विभाग ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, इस विभाग की अधिसूचना संख्या 6112-एफ (पी 2) दिनांक 09/11/2023 के क्रम में, राज्यपाल को धारा 25 के तहत 17 अप्रैल 2024 (बुधवार) को ‘रामनवमी’ के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।’
यह घोषणा काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वी राज्य में पिछले कुछ वर्षों में रामनवमी समारोह के दौरान हिंसा की कई घटनाएं देखी गई हैं। दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा और काली पूजा हमेशा महत्वपूर्ण सार्वजनिक अवकाश रहे।
तृणमूल कांग्रेस सरकार की घोषणा से राज्य में उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रतिक्रिया दी, क्योंकि यह कुछ ही दिन पहले आया है जब ममता की पार्टी आम चुनावों के लिए अपना अभियान शुरू करने के लिए तैयार है।
ममता सरकार की इस घोषणा को चुनावों से पहले अपनी हिंदू विरोधी छवि को भुनाने की कोशिश बताते हुए भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति के लिए बहुत देर हो चुकी है जो सिर्फ ‘जय श्री राम’ के नारे से झल्ला जाता है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या वह इस अवसर पर सभी भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।
मालवीय ने एक्स पर लिखा, ‘ममता बनर्जी, जो हर बार जय श्री राम सुनते ही गुस्से से नीली हो जाती थीं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राम नवमी (17 अप्रैल) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि को भुनाने के लिए किया है। हालांकि बहुत देर हो चुकी है… इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो।’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, “जब तक धक्का न दिया जाए, बिल्लियां पेड़ों पर नहीं चढ़तीं।”
उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है! यह पहली बार है कि राज्य सरकार ने चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि पर मर्यादा पुरूषोत्तम श्री रामचन्द्र के सम्मान में अवकाश की घोषणा की है। मैंने जनवरी में राम नवमी पर छुट्टी नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी, आज राज्य सरकार को छुट्टी घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस साल की शुरुआत में राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में मनाई जाने वाली सार्वजनिक छुट्टियों की सूची जारी करने के बाद टीएमसी और भाजपा के बीच एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था। ममता बनर्जी सरकार पर “तुष्टिकरण की राजनीति” का आरोप लगाते हुए, सुवेंदु अधिकारी ने बार-बार सवाल उठाया कि मकर संक्रांति और रामनवमी जैसे कुछ सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां क्यों नहीं थीं। गौरतलब है कि पिछले साल बंगाल में उत्तर दिनाजपुर के दलखोला में रामनवमी के जुलूस के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।