महाराष्ट्र में अब असली और नकली शिवसेना को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है। दरअसल ज्यादातर विधायकों के एकनाथ शिंदे के साथ जाने के कारण अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके करीबियों को पार्टी सिंबल को लेकर डर सता रहा हैं। इसी बीच उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है। एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे पहली बार जनता को संबोधित कर रहे थे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना बीएमसी चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी, क्योंकि कार्यकर्ता हमारे साथ हैं।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और बागी विधायकों को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, “मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि आज विधानसभा चुनाव कराएं। अगर हमने गलत किया है, तो लोग हमें घर भेज देंगे और अगर आपको यही करना था, तो आपको इसे ढाई साल पहले करना चाहिए था और यह सम्मानपूर्वक हो गया होता। यह सब करने की कोई आवश्यकता ही नहीं पड़ती।”

उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सिंबल को लेकर कहा, “शिवसेना से धनुष-बाण का चिन्ह कोई नहीं ले सकता। हालाँकि लोग केवल प्रतीक को नहीं देखते हैं, वे उस व्यक्ति को देखते हैं जिसने प्रतीक लिया है।” उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे का बिना नाम लिए उनपर निशाना साधते हुए कहा, “जब भाजपा ने पिछले ढाई साल में हमें और हमारे परिवार को निशाना बनाया और दुर्व्यवहार किया, तब आप उनके संपर्क में रहें और अपनी ही पार्टी को इस तरह धोखा देते रहें।”

बता दें कि ठाणे के 67 में से 66 पार्षदों ने एकनाथ शिंदे को समर्थन दे दिया है। जबकि नवी मुंबई के 32 पार्षदों ने भी एकनाथ शिंदे को समर्थन दिया है। पार्षदों का कहना है कि शिंदे आसानी से उपलब्ध रहते हैं।

वहीं शिवसेना के महासचिव सुभाष देसाई ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में आमंत्रित करने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने 3 जुलाई और 4 जुलाई को हुई राज्य विधानसभा की आगे की कार्यवाही को चुनौती दी है और अवैध करार देने की मांग की है। शिवसेना ने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है।