महाराष्ट्र में उद्योगपति मुकेश अंबानी के बंगले एंटीलिया के सामने कार में विस्फोटकों के मिलने और आरोपी पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ राजनीतिक और कानूनी विवाद का मामला गहराता जा रहा है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि “महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस की करतूत से तो अंडरवर्ल्ड को भी शर्म आ जाएगा।”

टीवी चैनल रिपब्लिक भारत के डिबेट शो ‘5 का प्रहार’ में एंकर ऐश्वर्य कपूर के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, “देखिए ऐश्वर्या जी मैं इतना कह सकता हूं एक न एक दिन सच सामने आ ही जाता है। चाहे झूठ कितना भी पैर पसारने की कोशिश करे, चाहे कितनी भी झूठी बाते रखी जाएं, कहीं न कहीं से सच्चाई मालूम पड़ जाता है। आज आप देखिए सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मसले पर कहा है कि यह बहुत सीरियस मसला है। आज इसी विषय पर एनआईए मनसुख हिरेन का जो मर्डर है उसी मर्डर का इन्वेस्टीगेट करेगा। वहीं अब यूएपीए सचिव वाझे पर लगने वाला है।”

उन्होंने कहा, “देखिए मैं जो बहुत दूर से इन सारे केसेस को देख रहा हूं, मैं अभी कोलकाता में हूं और मैं साधारण व्यक्तियों से भी पूछता हूं कि महाराष्ट्र में यह क्या चल रहा है। ये महा वसूली अघाड़ी जो है एमवीए की सरकार वहां कर क्या रही है। देखिए अंडरवर्ल्ड जो नहीं कर रही है, वह सरकार कर रही है।”

इस बीच शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में पुलिस तबादले में “भ्रष्टाचार” पर राज्य के खुफिया विभाग की जिस रिपोर्ट का भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने हवाला दिया है, उसमें दम नहीं है। उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं के साथ बातचीत में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख का भी बचाव किया जो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि राकांपा नेता (देशमुख) अपने पद पर बने रहेंगे।

जब राउत से रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, “वे (फड़णवीस और भाजपा) कोई परमाणु बम लेकर थोड़े ही घूम रहे हैं। बल्कि यह फुस्स पटाखा है जिसमें सुतली तक नहीं है।” मंगलवार को फड़णवीस ने दावा किया था कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार राज्य के खुफिया विभाग की “अभियोजन” योग्य रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की, जिसमें पुलिस तबादले एवं पदस्थापना में “बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार” के बारे में पकड़ी गई बातचीत है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनके पास उचित अनुमति के बाद तत्कालीन आयुक्त (खुफिया) रश्मि शुक्ला द्वारा पकड़ी गई ‘6.3 जीबी डाटा’ की बातचीत है, जहां कई पुलिस अधिकारियों के नामों की चर्चा की गई है।