शिवसेना नेता संजय राउत ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि नेशनल हेराल्ड केस में पंडित नेहरू को भी ईडी का समन भेज सकती है। राउत ने ये बातें शिवसेना के मुखपत्र सामना में कही है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि अगर नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में प्रवर्तन निदेशालय पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ समन जारी करता है और उनके स्मारक पर नोटिस चिपकाता है तो यह आश्चर्यजनक नहीं होगा। राउत ने कहा कि नेशनल हेराल्ड स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेहरू द्वारा बनाए गए हथियार की तरह था न कि संपत्ति की तरह था। उन्होंने कहा- “आज की राजनीति के व्यापारी इसे कब समझेंगे?”
राउत ने कहा कि नेहरू द्वारा शुरू किया गया नेशनल हेराल्ड अखबार बहुत पहले अपना राजनीतिक महत्व खो चुका था, लेकिन इस पर राजनीति जारी है। उन्होंने कहा- “जब जवाहरलाल नेहरू ने 1937 में इस अखबार की शुरुआत की थी, तब महात्मा गांधी, वल्लभभाई पटेल और नेहरू स्वयं इसके स्तंभ थे। अंग्रेजों को इस समाचार पत्र की तथ्यात्मक रिपोर्टिंग से डर था और 1942 से 45 के बीच इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि यह अखबार पैसों के लिए शुरू नहीं हुआ था। राउत ने कहा कि नेहरू की आत्मा नेशनल हेराल्ड में थी और उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि लिखने से कभी नहीं डरें। उन्होंने पंडित नेहरू का हवाला देते हुए लिखा- “जब किसी ने कहा कि (नेशनल हेराल्ड) अखबार कांग्रेस का मुखपत्र होने के बावजूद उसके लिए सिरदर्द बन गया है, तो नेहरू क्रोधित हो गए थे और पूछा था कि आप मुझसे क्या चाहते हैं? संपादक को बुलाऊं और उसे सभी की प्रशंसा करने के लिए कहूं। केवल प्रशंसा करने वाले संपादक का क्या फायदा?”
आगे शिवसेना नेता ने लिखा कि जब नेशनल हेराल्ड को नुकसान हो रहा था तो नेहरू ने अपने घर आनंद भवन को बेचने की पेशकश की थी। राउत ने आगे सामना और नेशनल हेराल्ड के बीच की समानताएं को बताते हुए कहा कि दोनों समाचार पत्र संपत्ति नहीं हैं बल्कि विचारों और सिद्धांतों के वाहक हैं।
बता दें कि ईडी ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके सांसद बेटे राहुल गांधी को जांच के सिलसिले में समन जारी किया है।