महाराष्ट्र में जून महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे और शिवसेना से बगावत कर विधायकों को तोड़कर अपने पाले में कर लिया था। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और शिंदे मुख्यमंत्री बन गए। उसके बाद से ही उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच तकरार मची हुई है। वहीं अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व में ठाकरे सरकार द्वारा लिए गए एक फैसले के खिलाफ राज्यपाल को पत्र लिखा है।

एनडीटीवी ने सूत्रों के अनुसार बताया है कि एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा राज्य विधान परिषद की खाली सीटों के लिए प्रस्तावित 12 नामों को वापस लेने की मांग की है। एकनाथ शिंदे जल्द ही राज्यपाल को नामों की एक नई सूची प्रदान करेंगे।

एकनाथ शिंदे ने राज्य में राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव का हवाला देते हुए राज्यपाल के कोटे से महाराष्ट्र विधान परिषद में नामांकन के लिए ठाकरे सरकार द्वारा प्रस्तावित 12 नामों को वापस लेने की मांग की है। ठाकरे सरकार ने नवंबर 2020 में 12 नामों का प्रस्ताव रखा था, हालांकि राज्यपाल कोश्यारी ने नामांकन पर निर्णय लंबित रखा है।

बता दें कि एकनाथ शिंदे जून महीने में शिवसेना के 39 विधायकों के साथ सूरत रवाना हो गए थे। उसके बाद वह असम के गुवाहाटी रवाना हो गए। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से महाविकास आघाडी सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग रखी थी और बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए कहा था। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने ऐसा नहीं किया। बाद में शिंदे खेमे में 11 अन्य विधायक भी साथ देने गुवाहाटी पहुंच गए थे।

इसके बाद 30 जून को शिंदे गुवाहाटी से मुंबई पहुंचे और बीजेपी के साथ सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने। इस घटनाक्रम के बाद से ही उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे में जंग छिड़ी हुई है। मामला कोर्ट में भी है और एकनाथ शिंदे गुट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह तीर धनुष पर भी दावा ठोका है। शिंदे गुट का कहना है कि वही असली शिवसेना है।