मुंबई पुलिस से निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और मनसुख हिरेन केस की जांच अब पूरी तरह से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथ में आ गई है। ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद ATS को एनआई को ये केस सौंपनी पड़ी है। इस बीच रियाज काजी सरकारी गवाह बन गया है। इसको लेकर पूरे दिन चर्चाएं चलती रहीं। टीवी चैनलों के डिबेट में यह मुख्य टॉपिक के रूप में छाया हुआ है। रिपब्लिक भारत के पूछता है भारत शो के लाइव डिबेट में भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना समेत तमाम दलों के पैनलिस्ट एक-दूसरे पर ऐसे चीखने लगे जैसे गांवों में आपस में तू-तड़ाक चल रहा हो।
दरअसल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने महाराष्ट्र पुलिस से निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं लगा दी हैं। एनआईए ने बुधवार को विशेष एनआईए अदालत को इस मामले में यूएपीए की धाराएं जोड़ने की जानकारी देते हुए अर्जी दाखिल की थी। वाजे पर यूएपीपीए की धारा 16 और 18 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
एनआईए के अफसरों को भरोसा है कि वाजे अब भी कई बड़े खुलासे कर सकते हैं। उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। पुलिस कई पुराने मामलों में भी उनसे जानकारी ले रही है। मामला काफी गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है। इसके राजनीतिक परिणाम भी गंभीर होने के आसार हैं।
मुंबई में 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के निकट एक कार से विस्फोटक बरामद हुए थे। इस मामले में वाजे एनआईए की हिरासत में हैं। एजेंसी मनसुख हिरन की हत्या के मामले की भी जांच कर रही है।
ठाणे की एक अदालत ने बुधवार को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते को हिरेन की मौत के मामले की जांच को रोकने और मामले से संबंधित रिकॉर्ड तत्काल एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया था। इसके बाद जांच की कार्रवाई पूरी तरह से एनआईए के हाथ में आ गई।
इसके पहले महाराष्ट्र की एटीएस ने कहा था कि वह मनसुख हिरेन की मौत की गुत्थी सुलझा ली है। वह बहुत जल्दी ही इसका खुलासा कर देगी। हालांकि इस बीच एनआईए भी मामले की जांच में लगी रही।