मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे अपना अयोध्या दौरा फिलहाल के लिए कैंसल कर चुके हैं। उनके इस दौरे को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाईं जा रहीं थीं, लेकिन अब राज ठाकरे ने खुद सबकुछ साफ कर दिया। राज ठाकरे का कहना है कि उनके लोगों को वहां ट्रैप करने की तैयारी थी। उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस किया जा सकता था। इसके साथ ही मनसे अध्यक्ष ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए वो अयोध्या नहीं जा रहे हैं।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि उनकी प्रस्तावित अयोध्या यात्रा को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कानूनी पचड़ों में फंसाने के लिए एक चाल है। इसलिए, उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित करने का फैसला किया है। पुणे में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने ये दावा किया।

राज ठाकरे ने कहा कि जब उन्होंने अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित करने के बारे में जानकारी दी, तो कई लोग खुश थे, जबकि कुछ को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने दावा किया- “मैं उन चीजों को देख रहा था जिन पर अयोध्या यात्रा की घोषणा के बाद चर्चा हो रही थी। बाद में, मुझे पता चला कि यह एक ट्रैप है।”

मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि जिन लोगों को उनकी अयोध्या जाने की योजना पसंद नहीं आई, उन्होंने उनकी यात्रा को लेकर मुद्दे बनाने शुरू कर दिए।उन्होंने कहा- “अगर मैं वहां जाने पर अड़ा होता और अगर कुछ होता तो हमारे समर्थक इसमें शामिल हो जाते। उन पर मामला दर्ज हो सकता था। मुझे लगा कि यह एक ट्रैप है। मैं आलोचना स्वीकार करना पसंद करूंगा, लेकिन नहीं चाहता कि हमारे पार्टी कार्यकर्ता कानूनी पचड़ों में पड़ें।”

इस ट्रैप के अलावा राज ठाकरे ने अयोध्या दौरा रद्द करने के लिए अपने खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि वह पैर और कमर में दर्द से पीड़ित हैं और 1 जून को कूल्हे की हड्डी की सर्जरी होनी है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि मैं लंबी यात्रा ना करूं। यह भी एक वजह है कि मैं अयोध्या नहीं जा रहा हूं।

बता दें कि राज ठाकरे ने जबसे अयोध्या जाने की घोषणा की थी, बीजेपी समेत कई पार्टियों के नेता उनका विरोध कर रहे थे। बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर ठाकरे उत्तर भारतीयों के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए माफी नहीं मांगेंगे तो वो उन्हें यूपी में नहीं घुसने देंगे।