महाराष्ट्र असेंबली में नई सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान अजित पवार ने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे ने उनसे कान में आकर बोला होता की आप उद्धव जी को बोलकर मुझे सीएम बनाओ तो वो खुद बात करके उन्हें कुर्सी पर बैठा देते। उनका कहना था कि सीएम पद के लिए जैसे ही एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा हुई तब भाजपा वाले रो रहे थे। बीजेपी नेता गिरीश महाजन का तो रोना अब भी बंद नहीं हुआ है। सच में उन्हें बहुत बुरा लगा है। उनका कहना था कि पर अब क्या करेंगे बेचारे।
महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को फ्लोर टेस्ट के वक्त जैसी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। शिंदे सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला। विपक्ष में 99 वोट पड़े। इस तरह से शिंदे सरकार बच गई। वोटिंग के वक्त 266 विधायक सदन में मौजूद थे। इनमें से तीन विधायकों ने वोट नहीं डाला। 21 विधायक सदन से गैरहाजिर रहे। इससे पहले बीजेपी के राहुल नार्वेकर विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए। नार्वेकर को 164 वोट मिले जबकि शिवसेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले। वोटिंग के दौरान राकांपा के 7 और कांग्रेस के 2 विधायक गायब रहे। AIMIM और सपा भी स्पीकर चुनाव के दौरान वोटिंग से सदन से नदारद रहीं।
उधर, महाराष्ट्र में 14 दिन से जारी सियासी घमासान के बीच राकांपा चीफ शरद पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे की सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। 6 महीने में ही गिर जाएगी। मिड टर्म इलेक्शन की तैयारी सभी लोग कर लें। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में जो संकट आया है, उससे पार्टी मजबूती से निपटेगी। हम लड़ाई के लिए तैयार हैं।
अगर 'शिंदे' ने मुझसे कान में आकर बोला होता की आप उद्धव जी को बोलकर मुझे CM बनाओ, तो मैं खुद बात करके तुम्हें कुर्सी पर बिठा देता था : @AjitPawarSpeaks pic.twitter.com/g2VhJksGs0
— News24 (@news24tvchannel) July 4, 2022
जब अजित ने कर दी थी चाचा से बगावत
एक वक्त ऐसा भी था जब अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को गच्चा देकर देवेंद्र फडणवीस को सीएम तक बना दिया था। 23 नवंबर 2019 की वो अल सुबह जब उन्होंने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। दिल्ली के इशारे पर बनी बीजेपी-एनसीपी की सरकार को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 नवंबर तक का वक्त दिया था। लेकिन शरद पवार तुरंत हरकत में आए और उन्होंने बाजी पलट दी। देवेंद्र फडणवीस खाली हाथ हो गए थे।
2019 के चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर विजय मिली थी। लेकिन शिवसेना ने बीजेपी को समर्थन देने से इन्कार कर दिया। बीजेपी के सरकार बनाने से कदम खींचने के बाद राज्यपाल ने शिवसेना और एनसीपी को मौका दिया। शरद पवार की गुगली के बाद बात बिगड़ी तो राज्य में 9 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लग गया था। उसके बाद कांग्रेस के साथ राकांपा ने उद्धव को सीएम बनवा दिया।