COVID-19 संकट के मद्देनजर महाराष्ट्र में बकरीद को लेकर उद्धव सरकार संशोधित गाइडलाइंस नहीं जारी करेगी। सूबे में जश्न के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा सुझाए गए नियमों का पालन ही करना होगा। मंगलवार को ये बातें कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहीं। उन्होंने अंग्रेजी समाचार चैनल ‘टाइम्स नाऊ’ को बताया कि मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (Shivsena, NCP और Congress के गठबंधन वाली) सरकार इस्लामिक त्यौहार पर ताजा दिशा-निर्देश करने के बारे में नहीं सोच रही थी।

दरअसल, कबीना मंत्री की यह सफाई उन कयासों के बाद आई है, जिनमें कहा जा रहा था कि राज्य सरकार बकरीद पर नई गाइडलाइंस जारी कर सकती है। वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें राज्य सरकार के मुस्लिम नेता उपस्थित थे और उन्होंने बकरीद के जश्न से जुड़ी गाइडलाइंस को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं।

इससे पहले, कांग्रेसी नेताओं के एक समहू ने सीएम ठाकरे से बकरीद की गाइडलाइंस की समीक्षा करने की गुजारिश की थी। बताया गया कि कांग्रेसी नेता नसीम खान ने सीएम को इस बाबत खत भी लिखा था और उनसे मंत्रियों की तत्काल एक बैठक बुलाकर नियमों की समीक्षा करने की मांग की थी। पत्र में कांग्रेसी नेता ने एमएचए की गाइडलाइंस को लेकर नाखुशी भी जाहिर की थी और कहा था कि इस आदेश से जनभावनाएं आहत हुई हैं, लिहाजा सरकार को इस बारे में फिर से सोचना चाहिए।

क्या हैं Maharashtra Bakri Eid Guidelines?: राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते बकरीद के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं, जिसके तहत कोरोना संकट के बीच 31 जुलाई से एक अगस्त के बीच ये पर्व मनाया जाएगा। गाइडलाइंस के अनुसार, लोगों को मस्जिदों के बजाय घरों में नमाज अदा करनी होगी। साथ ही उन्हें बकरों की खरीद फरोख्त फोन या फिर ऑनलाइन करनी होगी।

गाइडलाइंस में यह भी अपील की गई कि इस बार Bakri Eid का सांकेतिक तौर पर जश्न मनाया जाए। राज्य सरकार ने इसके साथ ही कहा कि हो सके तो लोग ‘कुर्बानी’ की परंपरा को सांकेतिक तौर पर निभाएं। वे लॉकडाउन के नियम और कंटेनमेंट जोन्स की पाबंदियों को भी ध्यान में रखें।