Maharashtra Politics: शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक संजय राउत (Sanjay Raut) ने शुक्रवार (18 नवंबर, 2022) को जेल में रखे जाने के दौरान अपनी आपबीती सुनाई।

संजय राउत(Sanjay Raut) ने NDTV से बात करते हुए कहा, मैं 100 दिन जेल में रहा, वहां एक एक-एक घंटा सौ दिन का महसूस होता था। मैंने 15 दिन तक सूरज की किरण नहीं देखी, क्योंकि मुझे अंडा सेल में रखा गया था, इसलिए मैं बीमार हो गया। उन्होंने कहा कि जेल की फ्लडलाइट्स में लंबे समय तक रहने के कारण अब मेरी नजर कमजोर हो गई है। मेरा वजन 10 किलो कम हो गया है।

संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, ‘मुझे पढ़ने और देखने में दिक्कत होती है। मुझे सुनने और बात करने में भी दिक्कत होती है, लेकिन कोई बात नहीं, मुझे इसे झेलना पड़ा। राउत ने दावा किया कि अगर हम उनके (भाजपा) के सामने सरेंडर कर देते या कुछ बोलते नहीं को उनको गिरफ्तार नहीं किया जाता।

मैं जो कुछ भी हूं, बाला साहेब ठाकरे की वजह से हूं: संजय राउत

राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि मैं खुद को युद्ध बंदी कहता हूं, सरकार सोचती है कि हम उनके साथ युद्ध में हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जेल में देखा और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

बता दें, देशमुख एक कथित भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के मामले में जेल में हैं। राउत ने सवाल किया कि क्या सरकार केवल विपक्ष में रहने वालों को ही गिरफ्तार करेगी? संजय राउत ने ठाकरे परिवार का आभार जताते हुए कहा, ‘मैं जो कुछ भी हूं वो बालासाहेब ठाकरे और ठाकरे परिवार की वजह से हूं।’

संजय राउत बोले- राज्य के लोग उद्धव गुट के साथ हैं

उद्धव ठाकरे को छोड़कर बागी पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर उन्होंने कहा, ‘जो लोग पार्टी छोड़ना चाहते हैं, वे जा सकते हैं, यह पार्टी जीवित रहेगी और बढ़ती रहेगी’। उन्होंने दावा किया कि राज्य के लोग उनकी पार्टी के साथ हैं और केवल विधायक और नेता ही अपने फायदे के लिए जा रहे हैं। राउत ने कहा कि जो लोग चले गए हैं, उन्हें कोई और नियंत्रित कर रहा है। महाराष्ट्र में केवल एक शिवसेना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने शिवसेना को खत्म करने की साजिश रची।

सामना के संपादक की कुर्सी पर मैं 35 साल रहा: राउत

ठाकरे परिवार के बाद क्‍या इस समय संजय राउत शिवसेना (ठाकरे गुट) के सबसे बड़े नेता हैं, इस सवाल पर राउत ने कहा, “मैं ऐसा नहीं मानता. मैं पार्टी का सिपाही हूं। यह जरूर है क पार्टीमें मेरा स्‍थान रहा। सामना के संपादक की कुर्सीं पर मैं 35 साल रहा हूं बाला सहाब के मार्गदर्शन में मैंने काम किया। पार्टी के प्रति मेरी वफादारी-निष्‍ठा रही। अंधेरी ईस्ट का उपचुनाव को लेकर संजय राउत ने कहा, ‘अगर बीजेपी अंधेरी ईस्ट का उपचुनाव लड़ती तो हम एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते होते।’