महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde) 9 अप्रैल को अयोध्या का दौरा करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस अयोध्या (Ayodhya) दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एकनाथ शिंदे का दौरा बीजेपी की एक सुनियोजित रणनीति प्रतीत होती है, जिससे हिंदुत्व मुद्दे पर शिंदे की शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट पर बढ़त बना सके।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार महाराष्ट्र में हिंदुत्व नेता के रूप में एकनाथ शिंदे को बढ़ावा देना 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले राज्य भर में ठाकरे सेना को जमीनी स्तर पर खत्म करने के लिए है। हालांकि शनिवार शाम से शुरू हो रहे एकनाथ शिंदे के अयोध्या के दो दिवसीय दौरे को शिवसेना के कार्यक्रम के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इसे भव्य बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।
महाराष्ट्र के सीएम के साथ बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री गिरीश महाजन (BJP minister Girish Mahajan) को तैनात किया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा इकाइयां शिंदे के अयोध्या दौरे को सफल बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। दौरे का मुख्य आकर्षण रविवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) के साथ एक निर्धारित बैठक है।
एकनाथ शिंदे के अयोध्या दौरे की घोषणा संभाजी नगर (पूर्व में औरंगाबाद) में एक महा विकास अघडी रैली के तुरंत बाद की गई थी। रैली में उद्धव ठाकरे, जिन्होंने सहयोगी दलों एनसीपी और कांग्रेस के साथ मंच साझा किया, उन्होंने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीखे हमले किये थे। उन्होंने वीर सावरकर पर भाजपा के ‘दोहरे मापदंड’ पर सवाल उठाया था।
उद्धव ठाकरे ने यह भी पूछा कि अगर पीएम मोदी और भाजपा इतने मजबूत हैं तो हिंदू समाज के नेतृत्व में हिंदुओं को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है।
शिंदे खेमे के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “शिंदे के नेतृत्व में जब पार्टी के 3,000 कार्यकर्ता अयोध्या का दौरा करेंगे- तो यह स्वतः ही बहुत उत्साह पैदा करेगा। पैदल सैनिकों की लामबंदी महत्वपूर्ण है और प्रत्येक पार्टी शाखा (शाखा कार्यालय) में इस कार्यक्रम का प्रसारण होगा।
वहीं सीएम शिंदे ने कहा, “अयोध्या में राम मंदिर हमारे गुरु और विचारक बाल ठाकरे का सपना था। अयोध्या की मेरी यात्रा बालासाहेब ठाकरे के सपने को आगे बढ़ाएगी।”