अगले साल होने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की है। चुनाव से पहले भाजपा छोटे दलों को एनडीए गठबंधन में शामिल करने पर काम कर रही है। इस बीच फडणवीस और राज ठाकरे की यह मुलाकात हुई है। हालांकि, बैठक में क्या चर्चा हुई इसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन चुनाव से पहले दोनों नेताओं की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।

गैर-राजनीतिक थी मुलाकात: देवेंद्र फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस ने भी बैठक को पूरी तरह से गैर-राजनीतिक बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले ही हमले मुलाकात करने का फैसला किया था इसलिए वह राज ठाकर के घर गए थे। हालांकि, पार्टी के कुछ अंदर के लोगों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि मीटिंग में हालिया राजनीतिक माहौल पर चर्चा हुई है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मनसे की महाराष्ट्र में ज्यादा राजनीतिक पकड़ नहीं है और शायद सीटें जीतने में भी वह ज्यादा मदद ना करे। लेकिन अगर भाजपा उसके साथ होगी तो वह उन जगहों पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं को मंच प्रदान करेगी, जहां पर उन्हें 2024 चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया गया है।

उद्धव सेना को दी कड़ी टक्कर तो शिंदे-फडनवीस गुट को होगा फायदा: भाजपा नेता

भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि राज ठाकरे अभी भी एक करिशमाई नेता हैं, जिस वजह से उनकी रैलियों में भारी भीड़ इकट्ठा होती है। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में एनडीए के खिलाफ राज ठाकरे ने जो माहौल तैयार किया था, उसका फायदा कांग्रेस और एनसीपी को हुआ था। भाजपा के एक रणनीतिकार ने कहा कि अगर बीएमसी चुनावों में 25-30 सीटों पर भी मनसे उद्धव सेना को नुकसान पहुंचाती है, तो इसका सीधा फायदा शिंदे-फडणवीस गठबंधन को होगा, जो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।

वहीं, मनसे के एक नेता ने कहा, “बैठक में राज ठाकरे और फडवणीस के बीच जो बातें हुईं वह बताई नहीं जा सकती हैं, लेकिन हर पार्टी अपना विकास सुनिश्चित करती है। गठबंधन के लिए सभी का एक विचार होना जरूरी है।” शरद पवार की पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि वैसे तो यह दोनों पार्टियों के बीच का मामला है, तो हम इस पर टिप्पणी क्यों करें, लेकिन यह तो सभी जानते हैं कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने और कर्नाटक में भाजपा की हार को लेकर राज ठाकरे ने कैसी आलोचना की है।

भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के कुछ समय बाद ही फणवीस ने राज ठाकरे के साथ यह मीटिंग की है। पीएम मोदी ने बैठक में कहा था कि राज्य इकाईयों को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। उन्हें यह भी निर्देश दिए गए थे कि पार्टी का समर्थन और वोट बैंक बढ़ाने के लिए राज्य इकाईयां छोटे दलों के साथ गठबंधन करें, ताकि वे अपने महत्वकांक्षी लक्ष्य तक पहुंच सकें।