महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि उन्होंने कोई बगावत नहीं क्रांति की है। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कई मुद्दों पर विस्तार से बात की।

बीजेपी कि तरफ से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के कमिटमेंट के सवाल पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “इसे बगावत मत कहो। ये बगावत नहीं क्रांति है। ये कैसी परिस्थितियों में हुआ है वो दुनिया ने देखा है। मैं कोई मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं गया था। मैं एक विचार था, एक विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए हमने ये कदम उठाया।” उन्होंने कहा कि पैसों से तो सिर्फ दो से तीन विधायक हमारे साथ आ सकते थे, लेकिन यहां तो एक साथ 50 विधायक आए थे। ऐसा दुनिया में कही नहीं हुआ। ये एक क्रांति थी।

मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं की उद्धव की खिलाफत: अचानक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने और 40 सालों तक शिवसेना की सेवा करने के बाद उद्धव ठाकरे के खिलाफ खड़े होने के सवाल पर सीएम शिंदे ने कहा, “ये कैसे हुआ, क्यों हुआ ये पूरे महाराष्ट्र और पूरे देश में सबको पता है। कुछ पाने के लिए या मुख्यमंत्री बनने के लिए ये नहीं हुआ था। महाराष्ट्र में जब ढाई साल की सरकार थी और जब 2019 में सरकार बनी तभी से इसकी शुरुआत हुई।”

बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटाने के सवाल पर सीएम शिंदे ने कहा, “पहले तो वो कह रहे थे कि एक शिवसैनिक को बनाऊँगा, मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना था, जब ये बात चल रही थी तब भी मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नहीं था। उनका ही कहना था कि मुझे नहीं बनना था तो क्यों कह रहे हैं कि मुझे हटा दिया।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “हमलोगों ने किसी को हटाने या किसी कुर्सी को पाने के लिए ऐसा नहीं किया। राज्य की जनता की भलाई, लोगों के शासनादेस के सम्मान के लिए यह कदम उठाया गया।”

कुर्सी के लिए सरकार नहीं बनाई: एकनाथ शिंदे ने जोर देकर कहा, “मैंने कोई मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ये सरकार नहीं बनाई है। मेरे लिए तो सीएम का मतलब ही कॉमन मैन होता है। मैं जनता का आदमी हूं, जनता के लिए काम करता हूं, उन्हीं का विकास करता हूं।” जब उनसे पूछा गया कि उनका सरकार चलाने का मॉडल क्या रहने वाला है, इस पर उन्होंने कहा कि वे तो प्रो डेवलपमेंट, प्रो पीपल वाली सरकार चलाते हैं। पहले क्या हो रहा था, ये सभी ने देखा है।