देश में कोरोना वायरस से बचने के लिए लगातार वैक्सीन लगाए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि 113 करोड़ से अधिक लोगों को अब तक टीके लग चुके हैं। अगले कुछ महीनों में बाकी लोगों को भी टीके लगा दिए जाएंग। अब तो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी टीके लगाए जा रहे हैं। सरकार के इस अभियान में हालांकि कुछ लोग शामिल नहीं होना चाहते हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में कोरोना वायरस रोधी टीके लगवाने में हिचकिचाहट है। ये फिलहाल टीके नहीं लगवाना चाहते हैं।
राज्य के जालना में उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों को टीके लगवाने को राजी करने के लिए बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की मदद लेगी। टोपे ने पत्रकारों से कहा कि टीके लगाने की संख्या के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में टीकाकरण की गति कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम बहुल इलाकों में अब भी कुछ हिचकिचाहट है। हमने मुस्लिम समुदाय को टीका लगवाने के लिए राजी करने के वास्ते सलमान खान और धार्मिक नेताओं की मदद लेने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक नेताओं और फिल्म अभिनेताओं का बहुत प्रभाव होता है और लोग उन्हें सुनते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 10.25 करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी जा चुकी है, और नवंबर के अंत तक सभी पात्र व्यक्तियों को कम से कम पहली खुराक मिल जाएगी।
कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बारे में, टोपे ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार महामारी का चक्र सात महीने का होता है, लेकिन बड़े पैमाने पर टीकाकरण के कारण, अगली लहर गंभीर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और टीका लगवाना चाहिए।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में दिए जाने वाले कोविड-19 टीकों की खुराक बुधवार को 113.61 करोड़ को पार कर गई। मंत्रालय ने कहा कि शाम सात बजे तक टीकों की कुल 61,21,626 खुराक दी जा चुकी हैं। इसने कहा कि देर रात तक अंतिम रिपोर्ट के संकलन के साथ ही दैनिक टीकाकरण संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने रेखांकित किया कि देश में सबसे कमजोर जनसंख्या समूहों को कोविड -19 से बचाने के लिए एक उपकरण के रूप में टीकाकरण की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है और इसकी निगरानी उच्चतम स्तर पर की जाती है। स्वास्थ्यकर्मियों (एचसीडब्ल्यू) को पहले चरण में टीका लगाने के साथ ही देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को प्रारंभ किया गया था । इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था।