महाराष्ट्र में नगरपालिका चुनावों में अब कुछ ही हफ्ते बचे हैं। उससे पहले कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच संभावित गठबंधन की संभावनाओं को तलाशने के लिए सीक्रेट बातचीत शुरू हो गयी है। यह पहल कांग्रेस द्वारा पिछले सप्ताह पिंपरी-चिंचवाड़ में रखे गए प्रस्ताव के तुरंत बाद आई है जिसमें पार्टी ने पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के लिए 20 सीटों पर गठबंधन की मांग करते हुए एनसीपी से गठबंधन का अनुरोध किया था।
इस प्रस्ताव को कांग्रेस के उस व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है जिसके तहत अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को नगर निगम चुनावों के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में शामिल किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी नेता अजित पवार ने रविवार देर रात पुणे नगर निगम (PMC) चुनावों में संभावित गठबंधन के लिए कांग्रेस नेता सतेज पाटिल से संपर्क किया जो पुणे जिले के पार्टी प्रभारी हैं। पाटिल ने बाद में पुष्टि की कि उनकी पार्टी में बातचीत शुरू हो गई है, हालांकि उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से मना किया और कहा कि चर्चा शुरुआती दौर में है।
क्यों गठबंधन की संभावना तलाश रहे कांग्रेस-एनसीपी?
कांग्रेस नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि महाराष्ट्र के शहरी इलाकों, विशेषकर पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ में पार्टी की सीमित संगठनात्मक शक्ति के चलते गठबंधन अनिवार्य है। उनका मानना है कि विभाजित विपक्ष से भाजपा को प्रमुख नगर निकायों पर अपना नियंत्रण बनाए रखने में ही मदद मिलेगी।
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कांग्रेस के पुणे शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने मीडिया से कहा, “एक पार्टी के रूप में, हम अजित पवार के साथ गठबंधन करने के लिए सकारात्मक हैं, बशर्ते लड़ाई भाजपा के खिलाफ हो। हालांकि, एमवीए के बैनर तले किसी भी गठबंधन में सभी घटकों के बीच सीटों का समान बंटवारा सुनिश्चित होना चाहिए।”
एनसीपी के पुणे नगर अध्यक्ष सुनील टिंगरे ने मीडिया से कहा कि नगर निगम चुनावों के लिए एनसीपी के दोनों गुटों और एमवीए के सहयोगियों को एकजुट करने के प्रयास जारी हैं। टिंगरे ने कहा, “पुणे में मुख्य मुकाबला भाजपा और एनसीपी के बीच है। हमारा उद्देश्य वोटों का बंटवारा रोकना और भाजपा का एकजुट होकर मुकाबला करना है।”
