महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने रविवार को महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री बलिराजा शेत-पंडण रास्ता योजना’ को मंजूरी दे दी। यह योजना 100 प्रतिशत मशीनीकृत निर्माण की अनुमति देकर ग्रामीण महाराष्ट्र में सभी मौसमों में मोटर चलने योग्य खेत से मैदान तक सड़कें सुनिश्चित करेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों के खेतों और गाँवों के बीच संपर्क बढ़ाना और कृषि उपज के परिवहन में आने वाली बाधाओं को दूर करना है। इसका उद्देश्य किसानों को किफायती और सुलभ परिवहन सुविधा प्रदान करना है जिससे उनकी बाज़ारों तक पहुँच आसान हो सके।

इस योजना से पूर्ववर्ती महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ढांचे के अंतर्गत लंबे समय से आ रही बाधाओं के दूर होने की उम्मीद है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले जो इस योजना की निगरानी समिति के प्रमुख भी हैं, उन्होने कहा, “दशकों से किसान कीचड़ भरी, टूटी-फूटी सड़कों से जूझ रहे हैं जो मानसून के दौरान अनुपयोगी हो जाती हैं। यह क्रांतिकारी योजना हर खेत तक मज़बूत सड़कें सुनिश्चित करेगी, जिससे समय पर बुवाई, सुचारू कटाई और बाज़ारों तक उपज को ट्रांसपोर्ट करना संभव होगा।”

सड़कों के निर्माण के लिये 100 प्रतिशत मशीनरी का इस्तेमाल

अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत तेज़ और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने और शारीरिक श्रम की उपलब्धता पर निर्भरता को खत्म करने के लिए 100 प्रतिशत मशीनरी के इस्तेमाल की अनुमति है। इसके तहत गाँव के नक्शों में चिह्नित सड़कों पर अतिक्रमण को तुरंत हटाने का भी प्रावधान है।

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इस योजना के तहत, हर सड़क के दोनों ओर (बिहार पैटर्न या मनरेगा के माध्यम से) अनिवार्य वृक्षारोपण किया जाएगा। योजना का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए क्लस्टर-आधारित निविदा (25 किलोमीटर के क्लस्टर) के माध्यम से समर्पित धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि यह योजना महाराष्ट्र के सभी जिलों में लागू की जाएगी और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति इसकी निगरानी करेगी।

17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर इस योजना को गति देने के लिए विशेष अभियान शुरू किए गए। इस योजना का लक्ष्य पहले चरण में 1 लाख एकड़ भूमि के 50,000 किसानों को फायदा पहुंचाना है।

तेलंगाना में रतन टाटा और डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर सड़कों का नामकरण

तेलंगाना सरकार ने रविवार को कहा कि उसने प्रस्तावित ‘रीजनल रिंग रोड’ (आरआरआर) पर आगामी ग्रीनफील्ड रेडियल रोड का नाम दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा के नाम पर रखने का फैसला किया है। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एक अन्य प्रस्ताव में हैदराबाद में अमेरिका के महावाणिज्य दूतावास के साथ एक हाई-प्रोफाइल सड़क का नाम ‘डोनाल्ड ट्रंप एवेन्यू’ रखा जाएगा। राज्य सरकार विदेश मंत्रालय और अमेरिकी दूतावास को पत्र लिखकर योजनाओं की जानकारी देगी। इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने दिल्ली में वार्षिक यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) सम्मेलन को संबोधित करते हुए हैदराबाद में प्रमुख सड़कों का नामकरण अग्रणी वैश्विक कंपनियों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा था। इसके अलावा गूगल और गूगल मैप्स के वैश्विक प्रभाव एवं योगदान को मान्यता देने के लिए एक प्रमुख मार्ग का नाम ‘गूगल स्ट्रीट’ रखा जाएगा।

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(भाषा के इनपुट के साथ)