महाराष्ट्र में मंदिर खोलने को लेकर ‘महासंग्राम’ हो गया है। दरअसल भाजपा की मांग है कि राज्य के सभी मंदिर खोले जाएं, जो कि बीते काफी समय से कोरोना संक्रमण के चलते बंद हैं। इस मुद्दे पर भाजपा का रुख आक्रामक है और पार्टी ने राज्य के कई प्रमुख मंदिरों के बाहर विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंदिर में दाखिल होने का भी प्रयास किया।
हालात को देखते हुए सरकार ने मंदिरों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। भाजपा नेता प्रसाद लाड का कहना है कि हमारी मांग है कि सिद्धिविनायक मंदिर को खोला जाए। अगर हमें मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती है तो हम मंदिर में जबरन प्रवेश करेंगे। यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में चलेगा और हम चाहते हैं कि राज्य के सभी मंदिर जल्द से जल्द फिर से खोले जाने चाहिए।
इसी तरह की मांग शिरडी साईं मंदिर को लेकर भी हो रही है। भाजपा इस मुद्दे पर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेता प्रसाद लाड को उनके समर्थकों के साथ पुलिस ने हिरासत में लिया है।
भाजपा का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार श्रद्धालुओं के लिए मंदिर नहीं खोल रही है, जबकि अन्य सारी सेवाएं और प्रतिष्ठान खोल दिए गए हैं। मंगलवार को सैंकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे हैं। भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य में जल्द ही मंदिर नहीं खोले गए तो पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी।
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है और पूजा के लिए मंदिर फिर से खोलने की मांग की है। राज्यपाल ने सीएम को भेजे पत्र में तंज कसते हुए लिखा है कि ‘मुझे आश्चर्य है कि अगर आप को कोई आलौकिक आभास हो रहा है, जिससे आप मंदिरों को खोलने के फैसले को टालते जा रहे हैं, या फिर जिस शब्द से आप नफरत करते थे? आप अचानक से ‘सेक्यूलर’ हो गए हैं।’
वहीं सीएम उद्धव ठाकरे ने भी राज्यपाल की चिट्ठी पर पलटवार करते हुए कहा है कि ‘जिस तरह से एकदम लॉकडाउन लगाना सही फैसला नहीं था, उसी तरह सभी पाबंदियों को एकदम से खत्म कर देना भी सही नहीं है। और हां, मैं हिंदुत्व का पालन करता हूं और मेरे हिंदुत्व को आपके वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं है।’