कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार (17 सितंबर) को भोपाल गए थे। इस दौरान सत्तारूढ़ भाजपा ने भी उन पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा ने राहुल गांधी को उनके ही पुराने वादे के सहारे घेरने की कोशिश की है। ये वादा राहुल गांधी ने अखबार बेचने वाले एक नाबालिग बच्चे से करीब साढ़े पांच साल पहले किया था, जो उस वक्त भोपाल की सड़कों पर अखबार बेचता था। आजकल यही बच्चा फुटपाथ पर ठेला लगाता है। अब कांग्रेस ने भी भाजपा पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने भी जवाब में भाजपा को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का वादा याद दिलाया है।

सोमवार को जब राहुल गांधी भोपाल का दौरा कर रहे थे। उसी दिन भाजपा कार्यालय में भाजपा प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कौशल शाक्य को मीडिया से रूबरू करवाया। नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं से सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए बच्चे का दुरुपयोग किया। इसके बाद अब बच्चे को अधर में छोड़ दिया गया है। राहुल गांधी को बच्चे से माफी मांगनी चाहिए।

जबकि कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मंगलवार (18 सितंबर) को प्रेस वार्ता करके भाजपा को जवाब दिया। भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने बच्चे की पढ़ाई का इंतजाम किया था। उसका दाखिला भी स्कूल में करवाया गया था। लेकिन उसने खुद ही पढ़ाई छोड़ दी। जबकि भाजपा की तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कौशल शाक्य को केंद्रीय विद्यालय में दाखिले का वादा किया था। पहले भाजपा को अपनी मंत्री के आश्वासन को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए। फिर कांग्रेस पर आरोप लगाने के बारे में सोचना चाहिए।

दरअसल करीब साढ़े पांच साल पहले राहुल गांधी भोपाल आए थे। इस दौरान राहुल गांधी ने रोशनपुरा चौराहे पर नाबालिग कौशल शाक्य से अखबार खरीदा था। अखबार के बदले में राहुल ने कौशल को एक हजार रुपये देने चाहे। लेकिन कौशल ने पैसे लेने से इंकार कर दिया। उसने राहुल गांधी से बातचीत के दौरान स्कूल में पढ़ने की इच्छा जताई थी। राहुल गांधी ने कौशल को भरोसा दिलाया था कि अब उसकी पढ़ाई का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कौशल का दाखिला कांग्रेस पार्टी ने श्यामला हिल्स स्थित डॉ. राधाकृष्णन हाईस्कूल में करवा दिया। कुछ महीनों तक उसे कांग्रेस से पढ़ाई के लिए फीस मिलती रही। लेकिन बाद में ये मदद आनी बंद हो गई। कौशल ने छठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई बंद कर दी। आजकल वह अपने बड़े भाई के साथ सड़क पर ठेला लगाता है। कौशल के परिवार की अार्थिक स्थिति बेहद खराब है, जबकि वह और उसका भाई मिलकर पूरे परिवार का खर्च चलाते हैं।