मध्य प्रदेश पुलिस इन दिनों आरोपों के कठघरे में है। मामला ऐसा है, जिसमें ऊपर से लेकर नीचे तक के अफसरों की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। ये गोलमाल करीब 10 सालों से चल रहा था। इस केस का मास्टरमाइंड कोई डॉन नहीं है बल्कि आठवीं पास एक लड़की है, जिसने बड़े पुलिस अफसर की बहन बनकर महकमे के कई बड़े अधिकारी से रिश्ते बनाकर अपने काम निकलवाए। फर्जीवाड़े का आलम यह कि सरकारी गाड़ी और गनर भी मिला हुआ था। वह पुलिस के आफिसर्स मेस में ठहरती थी और इंदौर, भोपाल और उज्जैन के बड़े अफसरों से मीटिंग भी करती थी। अब इस फर्जीवाड़े का भांडा फूट चुका है। संदेह के घेरे में कई बड़े अफसर हैं।
खुद को बताती थी एडीजी की बहन : बताया गया कि सोनिया शर्मा नाम की युवती पिछले 10 सालों से सरकारी मेस में खुद को एडीजी अजय शर्मा की बहन बताकर रुकती थी। रौब ऐसा था कि बड़े अफसर भी चक्कर खा गए। तर्क को पुष्ट करने के लिए सोनिया के पास सरकारी गाड़ी और गनमैन भी था। आरोप है कि कई अफसरों ने सोनिया की सिफारिश पर कई काम भी किए थे। शायद इसीलिए किसी ने कभी ये क्रॉसचेक करने की कोशिश भी नहीं की कि ये महिला एडीजी की रिश्तेदार है भी या नहीं। धौंस ऐसी थी कि इसी के बल पर सोनिया ने बड़े अस्पताल में हाल ही में कॉस्मेटिक सर्जरी भी करवा ली।
पार्टी में हुआ खुलासा: लेकिन सोनिया शर्मा के पाप का घड़ा सोमवार (30 अप्रैल) को फूट गया। इंदौर के पुलिस मेस में एडीजी एसएएफ पवन शर्मा की शादी की सालगिरह मनाई जा रही थी। सोनिया इसी पार्टी में शामिल होने के लिए आई थी। सोनिया ने रात में पलासिया टीआई को फोन किया। सोनिया ने फोन पर उनसे दो गुलदस्ते लेकर रूम में भेजने के लिए कहा। लेकिन पलासिया टीआई ने इससे इंकार कर दिया। इंकार करने पर भड़की सोनिया ने सीएसपी ज्योति उमठ से शिकायत कर दी। वहीं टीआई ने इस मामले में एडीजी के स्टेनो से फोन पर पूछताछ कर ली। जब इस मामले की भनक एडीजी अजय शर्मा को लगी तो उन्होंने कहा कि मेरी कोई बहन नहीं है।
भागने की फिराक में थी शातिर: अपने नाम पर फर्जीवाड़े की भनक लगते ही एडीजी अजय शर्मा ने इंदौर के एसपी पश्चिम विवेक सिंह को गिरफ्तारी के आदेश दिए। आदेश मिलते ही सीएसपी ज्योति उमठ, टीआई मंजू यादव, टीआई महिला थाना ज्योति शर्मा ऑफिसर मैस पहुंच गईं। लेकिन मेस में पार्टी के कारण उन्होंने बाहर उसका इंतजार किया। बाद में एसपी ने सदर बाजार पुलिस को भी मौके पर भेज दिया। एसपी विवेक सिंह और एएसपी रूपेश द्विवेदी भी मेस में आ गए। वर्दी में पुलिस को देखते ही सोनिया खेल समझ गई। उसने वहां से भागने की कोशिश की। लेकिन तभी एक ड्राइवर जो पहले सोनिया की गाड़ी चलाता था। उसने सोनिया को देखकर पुलिस को आगाह कर दिया। सोनिया ने खूब बहाने बनाए लेकिन पुलिस उसे लेकर पहले सदर बाजार और फिर महिला थाने लेकर आ गई।
ब्वॉयफ्रेंड/पति को बताया भाई : इंदौर के विद्यानगर में सोनिया शर्मा का फ्लैट था। सोनिया इलाके के फ्लैट नंबर 402 में रहती थी। पुलिस को यहां पर भोपाल का रहने वाला कृष्णा राठौर मिला। पूछताछ में पहले उसने खुद को सोनिया का भाई बताया, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि वह उसकी गर्लफ्रेंड है। दोनों के बीच करीब 10 सालों से दोस्ती है। कृष्णा का सारा खर्च सोनिया ही उठा रही थी। सोनिया आठवीं पास है, जबकि कृष्णा कॉम्पटीशन की तैयारी करता है। नौकरी लगने पर दोनों शादी करने वाले थे। सोनिया के पिता नहीं हैं, जबकि मां भोपाल में ही रहती हैं। सोनिया का दावा है कि उसके रिश्ते आईजी पवन जैन से भी हैं।

एडीजी से भी बोलती रही झूठ : एडीजी अजय शर्मा ने कहा कि उन्होंने सोनिया से बात की तो वह खुद को मेरी बहन बताने लगी। उसने दावा किया कि वह मुझसे उज्जैन में मिली थी। मैंने जब उसे कहा कि मैं करीब 12 साल पहले उज्जैन में था और मैं उसे नहीं जानता हूं। इसके बाद वह चुप हो गई।
सैकड़ों पुलिस अफसरों हैं रिश्ते: पुलिस ने सोनिया के मोबाइल को खंगाला तो उसमें पुलिस के सैकड़ों अफसरों के नंबर मिले हैं। बाद में पता चला कि सोनिया ने डीआईजी रैंक के अफसर का फेसबुक और ट्विटर एकाउंट भी बनाया था। सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले एडीजी मॉल में परिवार सहित मूवी देखने गए थे। वहां सोनिया भी थी। सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने उसे रोका तो वह खुद को उनकी बहन बताने लगी। एडीजी के मॉल से बाहर आने से पहले ही वह बहाने से गायब हो गई।
करवा रहे हैं जांच : इस मामले में पहली बटालियन मेस के कमांडेट मनीष अग्रवाल ने बताया कि मेस में आरोपित युवती कितनी बार ठहरी है, इस संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं। जिन डायरी में एंंट्री होती है, उन्हें जांच में शामिल किया है। हालांकि लाइन से उसे कार व गनमैन कैसे मिला, इसकी जांच करवाएंगे। वहीं इंदौर रेंज के डीआईजी हरिनारायणचरि मिश्रा ने बताया कि हमें युवती के मेस में रुकने की सूचना मिली थी, हालांकि उसे जब गिरफ्तार किया गया तो वह मेस में नहीं थी। ये जांच पुलिस कर रही है कि क्या इसने फर्जी पहचान से लाभ उठाने की या फिर किसी पर रौब गांठने की कोशिश की है? तो पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करेगी।