मध्य प्रदेश के दमोह में दो दिन बाद विधानसभा का उपचुनाव होने जा रहा है। इस दौरान पूरे ज़िले में हलचल देखी जा सकती है। नेताओं का आना-जाना लगा ही रहता है। दरअसल देखा यही जा रहा है कि चुनाव के आगे कोरोना को अहमियत ही नहीं दी जा रही। इस वजह से भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। लेकिन हिनोटा कलां गांव ने उदाहरण पेश करते हुए खुद को बाहर के लोगों से काट लिया है। यहां करीब 35000 लोग रहते हैं और सभी ने कोरोना की चेन तोड़ने के लिए यह फैसला किया है।
यह गांव हट्टा तहसील के अंतरगत आता है। मंगलवार को इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्टर इस गांव पहुंचे। यहां सारी गलियां सुनसान थीं और दुकानें भी बंद मिलीं। कह सकते हैं कि इस गांव ने खुद ही लॉकडाउन लगा लिया है। गांव को जाने वाली मेन रोड भी खाली ही दिखाई दी। वहीं नेता परेशान हैं कि इस गांव से कोई रैली में शामिल क्यों नहीं हो रहा।
भाजपा नेता नरेंद्र चोकरिया लगातार कोशिश करते रहे कि पड़ोस के गांव लक्षमण कुटी में होने वाली रैली में इस गांव से भी लोग आ जाएं। दरअसव वहां भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की रैली होने वाली थी। दमोह में उपचुनाव इसलिए कराने पड़ रहे हैं क्योंकि यहां से चुने गए विधायक राहुल सिंह लोधी कांग्रेस से चुनाव लड़े थे लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा के खंड उपाध्यक्ष चोकरिया की बात करें तो वह भी हिनोटा कलां गांव के लोगों की तरह ही भीड़भाड़ से दूर रहना चाहते हैं। वह भी खुद को और अन्य लोगों को खतरे में नहीं डालना चाहते हैं। लेकिन उनके फोन की घंटी बार-बार बजती रहती है। भीड़ जुटाने के लिए उनपर दबाव बनाया जाता है। दरअसल कुछ दिन पहले चोकरिया के छोटे भाई को कोरोना हो गया था। इसीलिए वह इस खतरनाक संक्रमण से सुरक्षित रहना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के लिए समर्पित हूं लेकिन किसी की जान की कीमत पर कैसे उन्हें भेज सकता हूं। जान है तो जहान है।’ बता दें कि मध्य प्रदेश में स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां सरकार ने सभी जिलों में वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान किया है। दमोह को इससे अलग रखा गया है क्योंकि यहां चुनाव है। प्रशासन ने यहां के फैसलों को जिला चुनाव अधिकारी के ऊपर छोड़ दिया है।
विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ भी आ चुके हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान भी लोगों को संबोधित कर चुके हैं। हिनोटा कलां के एक ग्रामीण ने बताया कि वह कांग्रेस से जुड़ा है और उसके पास कई बार फोन आया था कि लोगों को लेकर दिग्विजय सिंह की रैली में शामिल हो, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।