भाजपा विधायक ओम प्रकाश सकलेचा को सियासत विरासत में मिली हुई है। वे जावद विधानसभा सीट पर लगाकातार चार बार से काबिज हैं। जावद विधानसभा सीट पर हमेशा से सकलेचा परिवार का कब्जा रहा है। चुनावी राजनीति का इतिहास खंगाला जाए तो यह सीट ज्यादतर समय भगवा पार्टी के ही कब्जे में रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने की चाहत रखने वाली कांग्रेस भाजपा को चौका लगाने से रोकना चाहेगी।

विरासत में मिली है राजनीति

ओम प्रकाश सकलेचा का जन्म 3 अक्टूबर 1958 को वीरेंद्र कुमार सकलेचा और चेतन सकलेचा के घर हुआ। उन्होंने 1979 में दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।10 दिसंबर 1982 को बॉम्बे यूनिवर्सिटी की स्वर्ण पदक विजेता संगीता सकलेचा से शादी की। ओम प्रकाश और संगीता सकलेचा के दो बच्चे हैं, बेटी, त्रिशा सखलेचा और बेटा, ऋषभ सकलेचा।

कांग्रेस से बगावत कर बने थे मंत्री

जून 2020 में उन्हें मध्य प्रदेश में बनी शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर दी थी और कमलनाथ सरकार गिरा दी थी। वर्तमान में वे अभी शिवराज सिंह चौहान सरकार में एमएसएमई के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हैं।

पिता वीरेंद्र कुमार सकलेचा रह चुके हैं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री

उनके पिता, वीरेंद्र कुमार सकलेचा, जावद के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे और उप मुख्यमंत्री (1967 से 1969) के पद पर रहे फिर मुख्यमंत्री (1978 से 1980) और वे 1972 से 1977 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे । जावद विधानसभा केंद्र क्रमांक 230 में कुल 177708 मतदाता हैं। 87027 मतदाता महिला और 90679 पुरुष मतदाता हैं। विधानसभा सीट पर किसी भी दल की हार जीत में धाकड़ समाज के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका रहती है। इसके अलावा गुर्जर व आदिवासी वोटर भी चुनावी गणित को बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।

अरावली की पहाड़ियों पर बसा जावद विधानसभा क्षेत्र पहली नजर में बेहद खूबसूरत नजर आता है। जावद मध्य प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित है और राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। ये इलाका अफीम और लहसुन की खेती के लिए भी काफी मशहूर है।