Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सीधी पेशाबकांड के बाद अब सिंगरौली से एक मामला सामने आया है। यहां बेजीपी विधायक रामलल्लू वैश्य के बेटे विवेकानंद वैश्य ने एक आदिवासी युवक को गोली मार दी। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित की शिकायत पर मोरवा थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

घटना सिंगरौली जिले के मोरवा थाना क्षेत्र की है। यहां गुरुवार की शाम करीब 6 बजे विधायक के बेटे ने फायरिंग कर दी। गोली सूर्य प्रकाश खैरवार (34) के हाथ में लगी है। विधायक के बेटे का उसके भाई से विवाद हुआ था। सूर्य प्रकाश बीचबचाव करने गया था, तभी विधायक के बेटे ने उस पर फायरिंग कर दी। जिससे हाथ में गोली लगने से वो घायल हो गया। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी घटनास्थल पर जमा हो गए। तब तक आरोपी विधायक का बेटा विवेक वैश्य मौके से फरार हो गया। वहीं घायल युवक को सूर्य कुमार खैरवार को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज जारी है।

सूर्य प्रकाश ने बताया कि वह किराने का सामान लेने अपने रिश्तेदार के साथ बाइक से बाजार जा रहा था। उसके साथ लालचंद खैरवार और कैरू खैरवार भी थे। रास्ते में बूढ़ी माई मंदिर के पास मेरे भाई आदित्य खैरवार और राहुल से दीपक पनिका विवाद कर रहा था। यह देखकर मैंने बाइक रुकवाई। मैं बीचबचाव करने लगा। यहां खड़ी कार में बैठे विवेकानंद वैश्य ने मुझ पर गोली चला दी।

सिंगरौली एसडीओपी राजीव पाठक का कहना है कि देर रात हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल ने आरोप लगाया कि 10 साल में विवेकानंद वैश्य कई वारदात कर चुका है। बीजेपी नेता का बेटा होने की वजह से उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। गुरुवार को भी काफी समय बाद एफआईआर की गई।

घटना पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- ‘मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओं में आदिवासी समुदाय पर अत्याचार करने की होड़ मची है। सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है कि सिंगरौली में भाजपा विधायक रामलल्लू वैश्य के बेटे विवेकानंद वैश्य ने एक आदिवासी युवक को गोली मार दी।’

विधायक बेटे ने वनकर्मियों से की थी मारपीट

इससे पहले भी विधायक के बेटे ने 21 जुलाई 2022 को भी वन विभाग के चेकपोस्ट पर वनकर्मियों के साथ लाठी-डंडे से मारपीट की थी। इसके बाद बंदूक से फायरिंग भी की थी। गनीमत रही कि गोली वनकर्मी के पैर को छूते हुए निकल गई थी।