मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों को साल 2019 के लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। ऐसे वक्त में मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। लेकिन इस सियासी दंगल में चुनाव से पहले बीजेपी ने कांग्रेस को अशोक नगर जिले में करारी पटखनी दी है। गुना सीट से कांग्रेस सांसद और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रहे ईसागढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष भूपेंद्र द्विवेदी अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के लिए शर्मिंदगी की बात ये है कि न सिर्फ नगर परिषद अध्यक्ष बल्कि पूरी पंचायत के सारे कांग्रेस पार्षद ही भाजपा में शामिल हो गए।

भाजपा के लिए ये मौका कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भूपेंद्र द्विवेदी को भाजपा में शामिल करवाने के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य प्रभात झा और मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे। रविवार (28 अक्टूबर) को देर रात भूपेंद्र द्विवेदी के साथ ही नगर परिषद ईसागढ़ के सभी 11 कांग्रेस पार्षद भी भाजपा में शामिल हो गए।

वैसे बता दें कि ईसागढ़ नगर परिषद में कुल 15 ही पार्षद हैं। अब तक चार पार्षद भाजपा के थे जबकि 11 पार्षद कांग्रेस के थे। अब सभी पार्षदों के भाजपा में शामिल हो जाने से नगर परिषद में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका है। भूपेन्द्र द्विवेदी के साथ ही उनकी पत्नी और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष वंदना द्विवेदी ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भूपेंद्र द्विवेदी के साथ उपाध्यक्ष भगवत दयाल सेन, पार्षद लियाकत खान, संतोष सेन, दुष्यंत साहू, हरी जाटव, भानु सिंह लोधी, मुकेश शर्मा, राजकुमार और रामदयाल ग्वाल भाजपा में शामिल हुए हैं।

मध्य प्रदेश भाजपा के एक सूत्र ने जनसत्ता.कॉम को बताया कि भूपेंद्र द्विवेदी कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया की मंडली में शामिल हुआ करते थे। लेकिन इस बार वह विधानसभा चुनाव में चंदेरी सीट से टिकट का दावा कर रहे थे। लेकिन जब उनकी सुनवाई सिंधिया के दरबार में नहीं हुई तो वह बीजेपी की शरण में चले गए। उन्हें भाजपा में शामिल करवाने में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद प्रभात झा की अहम भूमिका रही है।

बता दें कि बीते 15 सालों से मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता का वनवास भोग रही है। लेकिन इसके बावजूद अशोक नगर जिले में भूपेंद्र द्विवेदी को जनाधार वाला नेता माना जाता है। ये जनाधार इतना मजबूत है कि सीएम शिवराज की रैलियों के बावजूद भूपेंद्र द्विवेदी के तिलिस्म को नहीं तोड़ा जा सका। भूपेंद्र द्विवेदी पुराने कांग्रेसी हैं। भूपेंद्र कांग्रेस संगठन में यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और ब्लाक अध्यक्ष रहने के साथ-साथ ईसागढ़ नगर पंचायत पर बीते 15 वर्षों से काबिज हैं। दो बार खुद भूपेंद्र द्विवेदी और एक बार उनकी पत्नी वंदना इसी सीट से अध्यक्ष चुनी जा चुकी है।

साल 2013 में भी कांग्रेस ने भूपेंद्र द्विवेदी को कांग्रेस से टिकट दिया था। लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट काटकर गोपाल सिंह चौहान को चुनाव लड़वा दिया गया। इस बार भी भूपेंद्र ने दिल्ली तक टिकट के लिए जोर लगाया था। लेकिन अच्छे फीडबैक के बाद भी उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। भूपेंद्र द्विवेदी ने साल 2018 की शुरुआत में मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रभारी के तौर पर काम किया था। इस सीट पर भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी।