केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज (3 अक्टूबर) को भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी। ये फैसला दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत कुल लागत 14,441 करोड़ रुपये होगी। इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड चार साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रोजेक्ट के लिए बीस प्रतिशत राशि केंद्र और बीस प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। जबकि साठ प्रतिशत पैसों का इंतजाम कर्ज के जरिए किया जाएगा।
केंद्रीय कैबिनेट में मंजूर हुए प्रस्ताव के मुताबिक भोपाल में 27.87 किलोमीटर लंबे मेट्रो रेल रूट पर 6 हजार 941 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं इंदौर रेल मेट्रो पर 7 हजार पांच सौ करोड़ की लागत आएगी। चुनाव से पहले उम्मीद है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मेट्रो का भूमिपूजन कर सकते हैं।
Cabinet approves metro in Bhopal. This will cover a total length of 27.87 km in Bhopal. There has been a 50-50 arrangement between Centre&state govt. This will be done at an expenditure of Rs 6,941.40 Crore & will be completed in 4 years time: Union Minister Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/3bPh3ZXZNm
— ANI (@ANI) October 3, 2018
भोपाल और इंदौर में मेट्रो दौड़ाने के लिए विदेशी बैंकों से लोन लेने की कवायद लंबे वक्त से चल रही थी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के प्रोजेक्ट इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की मंजूरी मिलने के बाद इस योजना की घोषणा का औपचारिक इंतजार हो रहा था। इस प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक ने रूचि दिखाई थी। लोन मंजूरी से पहले यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक की टीम जल्दी ही भोपाल का दौरा करेगी।
वैसे बता दें कि अगर सर्वे में सब कुछ ठीक रहा तो यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक भोपाल मेट्रो के लिए लगभग 3,500 करोड़ रुपये का कर्ज देगा। वहीं इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक करीब 3200 करोड़ रुपये का लोन देगा। इसके अलावा मेट्रो रेल कंपनी पीपीपी से भी फंड जुटाएगी। स्टांप ड्यूटी पर एक फीसदी सेस लगाकर करीब 200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।