मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 203 सीटें हैं। लेकिन इन सभी सीटों पर वर्तमान में कुल मिलाकर एक ही मुस्लिम विधायक है। कांग्रेस के 66 साल के आरिफ अकील भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बहुल आबादी का गढ़ माना जाता है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में वह इकलौते ऐसे मुस्लिम उम्मीदवार हैं जो लगातार अपना गढ़ बचाने में सफल रहे हैं। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 47 लाख से ज्यादा मुस्लिम हैं। ये कुल आबादी का करीब 6.5 प्रतिशत है। लेकिन दोनों ही बड़ी पार्टियां भाजपा और कांगेस मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने से हिचकिचाती हैं।
साल 2013 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था। इन सभी उम्मीदवारों में से चार उम्मीदवार चुनाव हार गए थे। जबकि भाजपा ने सिर्फ एक मुस्लिम उम्मीदवार आरिफ बेग को भोपाल उत्तर सीट से कांग्रेस के आरिफ अकील के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन आरिफ बेग को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी थी। साल 1977 से भोपाल उत्तर सीट से हमेशा मुस्लिम उम्मीदवार ही जीतता आया है। हालांकि 1993 का विधानसभा चुनाव इसका अपवाद रहा है। जबकि साल 1998 से ही आरिफ अकील इसी सीट से अजेय रहे हैं। लेकिन जब बात मुस्लिमों को कम टिकट देने पर आती है तो भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही सुर में बात करते हैं।

एनडीटीवी ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने उन्हें बताया,”हमने उन्हें टिकट दिए हैं लेकिन वे चुनाव हार गए। अंत में इससे बीजेपी को फायदा मिलता है। अल्पसंख्यक समुदाय निश्चित रूप से हमारे साथ है। लेकिन उन्हें चुनाव में सीट जीतने के काबिल होना पड़ेगा।” बिल्कुल यही विचार भाजपा नेताओं के भी मुस्लिम उम्मीदवारों के बारे में हैं। भाजपा नेता और मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शौकत मोहम्मद खान ने एनडीटीवी से बात की। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक शौकत मोहम्मद खान ने कहा, ”हमने पिछले साल भी उन्हें टिकट दिए थे। हमारे यहां कई मुस्लिम सांसद और मंत्री भी हैं। लेकिन टिकट देने का हमारे मानक अलग हैं। जो भी जीतने की स्थिति में होते हैं हम उन्हें टिकट देते हैं।
साल 1962 के बाद से राज्य में मुस्लिम जनप्रतिनिधियों की तादाद लगातार कम हुई है। साल 1962 में 7 मुस्लिम जनप्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में आए थे। छह दशक बाद, यानी कि साल 2013 में मध्य प्रदेश विधानसभा में सिर्फ एक ही जनप्रतिनिधि है। साल 2003 में भोपाल से आरिफ अकील के अलावा शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर हामिद काजी ने बुरहानपुर सीट से चुनाव जीता था। बुरहानपुर सीट भी आरिफ अकील की भोपाल उत्तर की तरह ही मुस्लिम बहुल आबादी वाली है। आने वाले 28 नवंबर को पूरे मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। 11 दिसंंबर को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। इस चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इसी दिन अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना के नतीजे भी आएंगे।