मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उनकी सिंधिया से कोई दुश्मनी नहीं है। कमलनाथ ने कहा कि मैं चाहता तो मैं भी सौदा करके मुख्यमंत्री बने रह सकता था। लेकिन मैंने सौदे की कुर्सी पर नहीं बैठने का फैसला किया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने समाचार यूट्यूब चैनल एमपी तक से बातचीत के दौरान कहा, “मेरी ज्योतिरादित्य सिंधिया से कोई दुश्मनी नहीं है। मैं जैसे दूसरे बीजेपी नेताओं को देखता हूं, वैसे ही उनको भी देखता हूं। हमारी भी कभी-कभी बात होती है, जैसे अन्य बीजेपी नेताओं के साथ बातचीत होती है। हम अतीत को नहीं मिटा सकते। मैं चाहता तो मैं भी सौदा करके मुख्यमंत्री बने रह सकता था, क्योंकि मैं उस समय मुख्यमंत्री था।”
कमलनाथ ने कहा कि मैं सौदा करके मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था। उस दौरान मुझसे कई विधायकों ने कहा कि इतने करोड़ रुपए मिल रहे हैं। मैंने उनसे सिर्फ यही कहा कि जाओ और मौज करो। कमलनाथ ने कहा कि मुझे सत्ता का कोई लालच नहीं था। सरकार गई तो गई, कल के बाद परसों भी तो आता है।
कमलनाथ ने आने वाले चुनाव को लेकर कहा, “हमारी लड़ाई सिर्फ बीजेपी से नहीं है बल्कि बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन से भी हैं। जब मैं 42 साल पहले चुनाव लड़ा था उस समय का माहौल अलग था और आज का समय अलग है। बल्कि आज से 5 साल पहले का भी समय अलग था। 5 साल पहले 25% लोग सोशल मीडिया पर थे। आज 95% लोग सोशल मीडिया पर हैं। जिनको आप ज्ञान देने जाते थे, आज वह आप को ज्ञान देने के लिए तैयार हैं। यही अंतर है।”
कमलनाथ ने आगे कहा, “अगर और विधायक भी पार्टी छोड़ते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि जो जाना चाहता है वह जा सकता है।वैसे भी बीजेपी के पास उम्मीदवारों की कमी है।” पार्टी की मजबूती को लेकर कमलनाथ ने कहा कि पहले हम एक गांव को देख कर कह सकते थे कि यह गांव कांग्रेस का है। लेकिन आज हम एक मकान को देखकर भी नहीं कह सकते क्योंकि मकान के अंदर सभी व्यक्ति अलग-अलग मत रखते हैं। इसलिए हम मंडल स्तर पर पार्टी को मजबूत कर रहे हैं।