साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों से पहले मध्य प्रदेश की भाजपा के नेतृत्व वाली शिवराज सिंह चौहान सरकार का तनाव बढ़ सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जगह—जगह पोस्टर लगाए गए हैं। ये पोस्टर आगामी चुनाव में मतदाताओं को किसी राजनीतिक दल की बजाय नोटा पर वोट देने की बात कह रहे हैं।
एएनआई के मुताबिक पोस्टर में लिखा है,” मैं सामान्य वर्ग से आता हूं। कृपया कोई भी राजनीतिक दल वोट मांगकर शर्मिंदा न करे। वोट फॉर नोटा।” ये पोस्टर भोपाल में लोगों के घरों के बाहर लगाए गए हैं। क्योंकि राज्य में विधानसभा के चुनाव 28 नवंबर को होने वाले हैं।
Madhya Pradesh: Posters reading “I belong to general category. Political parties be kind enough to not embarrass me by asking me to vote for you. Vote for NOTA” seen outside houses in Bhopal as assembly elections in the state are scheduled to be held on 28th November. pic.twitter.com/DNzBuacrs3
— ANI (@ANI) October 14, 2018
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत करते हुए भोपाल के स्थानीय निवासियों ने कहा,”एससी/एसटी को मिलने वाला आरक्षण रद होना चाहिए। ये सामान्य वर्ग को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। हम अवश्य ही आने वाले चुनावों में नोटा पर वोट देंगे।”
वैसे बता दें कि प्रमोशन में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मध्यप्रदेश में राजनीति उफान पर है। इस फैसले ने जहां सत्ताधारी भाजपा की मुश्किलें बढाई हैं। वहीं कांग्रेस भी चुप्पी साधे हुए है। इधर, सवर्ण वर्ग के कर्मचारी संगठन सपाक्स और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की लड़ाई लड़ रहा कर्मचारी संगठन अजाक्स इस फैसले के बाद और अधिक मुखर होकर सामने आया है।
प्रमोशन में आरक्षण पर फैसला आने से पहले भी प्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट को लेकर सपाक्स विरोध कर रहा था। यहां पर मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के सांसदों तक को काले झंडे दिखाए जा रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले प्रमोशन में आरक्षण का फैसला आने से राजनीतिक दलों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।