Madhya Pradesh Political Crisis: मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने शनिवार को सरकार के 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया। जिन्हें हटाया गया है, वे कमलनाथ सररकार में कैबिनेट मंत्री पद पर थे। यह सभी सिंधिया गुट के विधायक कहे जाते हैं। इनमें इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्यूमन सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बता दें कि एक दिन पहले ही राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सलाह के बाद इन बागी विधायकों को मंत्री पद से हटाया था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार सुबह ही राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी। उन्होंने राज्यपाल को एक चिट्ठी सौंपी थी, जिसमें भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया गया। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वे फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह के बेंगलुरू में बंधक विधायकों को मुक्त कराना होगा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के 22 विधायक अब तक कमलनाथ को इस्तीफा भेज चुके हैं। इनमें 6 मंत्री भी शामिल थे, जिन पर शनिवार को कार्यवाही की गई।
भाजपा राज्यपाल से कर चुकी है फ्लोर टेस्ट की मांगः सीएम कमलनाथ के शु्क्रवार को राज्यपाल से मिलने के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल भी शनिवार को सरकार बनाने का दावा लेकर गवर्नर के पास पहुंचा। भाजपा नेताओं ने मांग की कि वे विधानसभा में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराएं। उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ 22 बागी विधायकों पर दबाव बना सकते हैं या उन्हें लालच दे सकते हैं।
कांग्रेस को गुजरात में भी टूट का डर, विधायकों को जयपुर भेजा: मध्य प्रदेश में सियासी खींचतान के बीच अब गुजरात में कांग्रेस को टूट का डर है। ऐसे में एहतियात के तौर पर राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपने विधायकों को जयपुर भेज रही है। एबीपी न्यूज के मुताबिक कांग्रेस अपने 20 विधायकों को जयपुर रवाना कर दिए गए। नार्थ ईस्ट और संट्रेल गुजरात के विधायकों को उदयपुर शिफ्ट किया जा रहा है। वहीं बाकि विधयकों को जयपुर शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 15 सीनियर विधायकों को गुजरात में ही रहने को कहा गया है क्योंकि वहां विधानसभा सत्र चल रहा है।