मध्य प्रदेश सरकार का बिजली विभाग भी गजब का काम करता है। हाल ही में विभाग के कुछ कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से ग्वालियर के एक बुजुर्ग को गंभीर सदमा झेलना पड़ा। इसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बिजली विभाग के लापरवाह कर्मचारियों ने शहर के शिव विहार इलाके की प्रियंका गुप्ता के घर 3419 करोड़ रुपए का बिजली का बिल भेज दिया। इतनी बड़ी रकम देख उनके ससुर को जोरदार सदमा लगा और उन्हें फौरन अस्पताल ले जाना पड़ा।

इसकी शिकायत जब बिजली विभाग से की गई तो अफसरों ने इसे मानवीय भूल बताते हुए उन्हें सुधार कर 1300 रुपए का नया बिल भेज दिया। कहा, “एक कर्मचारी ने सॉफ्टवेयर में खपत की गई यूनिट की जगह उपभोक्ता संख्या दर्ज कर दी, जिसके परिणामस्वरूप सिस्टम से अधिक राशि का बिल जारी हो गया। बिजली उपभोक्ता को 1,300 का सही बिल जारी कर दिया गया है।” इस गलती के लिए संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की भी की जा रही है।

नया सुधारा हुआ बिल आने पर हुए स्वस्थ

पीटीआई के मुताबिक प्रियंका गुप्ता के पति संजीव कंकाने ने बताया कि जुलाई माह का जब बिल घर पहुंचा तो उनके पिता को उसे देखकर जोरदार झटका लगा। एक महीने का घरेलू बिल इतना ज्यादा देख वह घबड़ा गए। हालांकि तत्काल अस्पताल ले जाने के और नया बिल आने के बाद अब वह स्वस्थ हैं।

उन्होंने 20 जुलाई को जारी किए गए बिल को मध्य प्रदेश क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPMKVVC)के पोर्टल से क्रास चेक किया तो अब उसमें सही बिल अपलोड कर दिया गया है। इससे परिवार वालों ने राहत की सांस ली।

उधर, दिल्ली सरकार ने तय किया है कि अगस्त से दिल्ली के लोगों को राज्य सरकार की सब्सिडी के कारण पिछले सात वर्षों में बचाई गई राशि की रसीद के साथ बिजली बिल मिलेगा। इसमें उन्हें सब्सिडी का लाभ जारी रखने के लिए सहमति पत्र के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक पत्र भी दिया जाएगा।

सीएम के पत्र में उनकी तस्वीर होगी और इसमें लिखा होगा, “2015 मुख्य, दिल्ली मैं नई सरकार बनने के बाद से अभी तक आपको आपके बिजली बिलो में इतने रुपयों की छुट दी गई। अभी ये निर्णय लिया गया है कि अक्टूबर 2022 से ये छूट उन लोगों को दी जाएगी जो इसके लिए आवेदन करेंगे।”