कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इन दिनों मध्य प्रदेश में पार्टी की एकता यात्रा में हैं। दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर मीडिया के सामने सफाई दी है कि उन्होंने कभी ‘हिंदू आतंकवाद’ की बात नहीं कही, बल्कि ‘संघी आतंकवाद’ के बारे में कहा था। दिग्विजय ने यह भी कहा कि आतंकी गतिविधियों को किसी धर्म के आधार पर नहीं गिना जा सकता है। पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेसी नेता ने शुक्रवार (15 जून) को कहा, ”आपके पास गलत जानकारी है कि दिग्विजय सिंह ने हिंदू आतंकवाद की बात कही, मैंने हमेशा इसको ‘संघी आतंकवाद’ के तौर पर परिभाषित किया।” संघी आतंकवाद की बात पर दृढ़ रहते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”संघ की विचारधारा से प्रभावित लोगों के द्वारा बम धमाके किए गए, चाहे इनमें मालेगांव धमाका हो, मक्का मस्जिद धमाका हो, समझौता एक्सप्रेस धमाका और दरगाह शरीफ धमाके हों।” राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ”यह संगठन जो हिंसा और घृणा का प्रचार करता है, आगे आतंकवाद का प्रचार करता है।”

दिग्विजय सिंह के द्वारा संघी आतंकवाद शब्द का प्रयोग करने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से पलटवार किया गया। बीजेपी की तरफ से कहा गया कि दिग्विजय सिंह का बयान उन लोगों की भावनाओं को आहत कर सकता है जो संघ से जुड़े हुए हैं। बीजेपी सांसद संजय पाठक ने एएनआई से कहा, ”किसी का कोई भी धर्म हो, अगर वह उसके साथ रहता है तो वह कभी कुछ बुरा नहीं करेंगा। अधर्म आतंकवाद की सीख देता है। जब लोग आतंकवाद से प्रभावित होकर धर्म को गलत तरीके से पेश करते हैं तो यह भ्रांति का कारण बनता है, यह अग्रणी हिंदुओं, हर भारतीय नागरिक को भटकाता है।”

संजय पाठक ने आगे कहा, “पहली बात तो भारत में रहने वाले लोगों को हिंदू बुलाया जाएगा। जहां तक “हिंदू” की परिभाषा है, लोग अलग-अलग विचार रखते हैं लेकिन मेरे लिए भारत में हर कोई हिंदू है, भले ही उनके धर्म या जाति अलग-अलग हों।”