लखनऊ में मंगलावर (5 जुलाई, 2022) को सपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर निशाना साधा। इस दौरान अखिलेश ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा छापा मारने वाले डिप्टी सीएम लखनऊ से बाहर गए थे। लौटे तो पता चला उन्हें बिना बताए अफसरों के ट्रांसफर कर दिए गए। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या सौ दिन की यही उपलब्धि है। अखिलेश ने कहा कि ये वो डिप्टी सीएम हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा छापा मारे।

सरकार को कोई पीछे से चला रहा: अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हम पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि जहां-जहां डिप्टी सीएम गए। वहां कमियां भी देखी गईं। अगर किसी पर भी डिप्टी सीएम ने कार्रवाई की हो तो बताएं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये है कि सरकार को पीछे से कोई चला रहा है। उन्होंने कहा कि पांच साल सौ दिन की उपलब्धि यही है कि सरकार को पीछे से कोई चला रहा है। भ्रष्टाचार और अन्याय चरम सीमा पर है। उन्होंने कहा कि पुरानी सरकार में जो बीजेपी का घोषणा पत्र था। उसमें से कितनी घोषणाएं पूरी हुई हैं।

ओपी राजभर के सवाल पर अखिलेश ने दिया जवाब-
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर के सवाल पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति पीछे से ऑपरेट हो रही है। सपा को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है। यादव ने कहा कि कभी-कभी जो दिखता है वो होता नहीं है। हमारे सहयोगी भी कहां से ऑपरेट हो रहे हैं कुछ पता नहीं।

बता दें, यूपी उपचुनाव में सपा की हार के बाद ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि एसी में बैठकर चुनाव नहीं जीते जाते। इसके लिए अखिलेश यादव को एसी से बाहर निकलना पड़ेगा। वहीं सोमवार को एक बार फिर ओपी राजभर ने अखिलेश यादव और मायावती पर निशाना साधा था। राजभर ने कहा था कि सपा-बसपा ने सबसे ज्यादा पिछड़ों और दलितों को नुकसान किया है।

अखिलेश ने बसपा को बताया बीजेपी की बी टीम
मायावती के साथ पिछले लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से बसपा को बीजेपी का बी टीम बताते हुए कहा कि अब तो राष्ट्रपति का चुनाव भी खत्म हो गया। दरअसल, उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को बसपा के समर्थन पर उन्होंने निशाना साधा। इस दौरान अखिलेश यादव ने प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की भी मांग की।