Love Jihad Yatra: भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम बीजेपी में अपने घटते कद से कुछ असहज हैं। पार्टी में फिर से अपनी एक नई पहचान बनाने के लिए संगीत सोम ने ‘लव जिहाद’ और कथित जबरन धर्मांतरण के खिलाफ 30 को जून को रैली की योजना बनाई थी, लेकिन बीजेपी ने उनकी इस योजना पर रोक लगा दी।
2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में संगीत सोम का नाम सामने आया था, लेकिन उन्हें बाद में बरी कर दिया गया था। सोम इसी तरह के मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इतनी बड़े पैमाने पर उनका अलग कार्यकर्म था।
सरधना से दो बार विधायक रहे संगीत सोम
मेरठ में सरधना से दो बार विधायक चुने गए संगीत सोम ने कहा, ‘मैंने 30 जून को मेरठ के सलवा से गाजियाबाद तक की अपनी प्रस्तावित यात्रा को रद्द नहीं किया है, बल्कि स्थगित (Postponed) कर दिया है, क्योंकि यह पार्टी के चल रहे महासंपर्क अभियान (मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक जन संपर्क कार्यक्रम) का हिस्सा है और उसके साथ मेल खाता है।
भाजपा नेता ने कहा कि वह जिन मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं, वे बहुत प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, “एक विशेष समुदाय की बढ़ती आबादी एक बहुत ही गंभीर मामला है। अगर हम अभी सख्त कदम नहीं उठाते हैं तो देश में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे।”
भाजपा के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रमुख विनीत शारदा ने स्वीकार किया कि पार्टी ने सोम से यात्रा को स्थगित करने के लिए कहा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा एक पार्टी के रूप में कभी भी जाति या सांप्रदायिक आधार पर भेदभाव नहीं करती है।
केंद्र और राज्य में भाजपा सरकारों द्वारा चलाए जा रहे राशन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में उनके पक्षपात की कमी के उदाहरण का हवाला देते हुए शारदा ने कहा, ‘पार्टी नेतृत्व ने सोम को ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने से परहेज करने के लिए कहा, जो यह दर्शा सकते हैं कि हमारी पार्टी एक समुदाय को तवज्जो नहीं देती। उन्होंने कहा कि हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए लगातार तीसरी जीत बार सुनिश्चित करने के लिए अगले साल के आम चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
2017 में बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में 100 सीटों पर जीत हासिल की
पश्चिम यूपी की कुल 126 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में 100 पर जीत हासिल की थी। 2022 में यह आंकड़ा घटकर 85 पर आ गया। सपा और रालोद ने 41 सीटें जीतने के लिए एक मजबूत गठबंधन बनाया।
भाजपा 2022 में शामली जिले की सभी तीन सीटों, मेरठ की सात में से चार सीटों और मुजफ्फरनगर की छह में से चार सीटों पर हार गई। तीनों जाट बहुल जिले हैं, जिनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है।
अतुल प्रधान से हार के बाद सोम को लगा था बड़ा झटका
पार्टी ने सोम को बीजेपी उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वो जितने में कामयाब नहीं हुए। उनको सरधना से समाजवादी पार्टी के अतुल प्रधान ने हराया। कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व के लिए भाजपा के पोस्टर ब्वॉय माने जाने वाले नेता के लिए यह हार काफी बड़ा झटका था।
बीजेपी की नजर पश्चिम यूपी में सपा और रालोद गठबंधन पर भी है। ऐसे में पार्टी पसमांदा मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रही है। इसको लेकर बीजेपी हाईकमान भी अपनी गतिविधियों को लेकर सतर्क नजर आ रही है, क्योंकि पहलवानों के विरोध का असर यहां पार्टी पर भी पड़ सकता है।
सपा की मेरठ इकाई के पूर्व अध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा, ‘बीजेपी मुस्लिमों का दिल जीतने के लिए सब कुछ कर रही है। उन्हें इस समुदाय से जो कुछ भी मिलेगा वह उनके लिए बोनस होगा, क्योंकि इसे अल्पसंख्यक वोटों का 1% भी नहीं मिल रहा है।”
बीजेपी का सपना कभी साकार नहीं होगा: सपा
सपा के वर्तमान मेरठ प्रमुख जयपाल सिंह ने कहा, “बीजेपी को लगता है कि वह अगले आम चुनावों में एक विशेष समुदाय के वोटों का एक बड़ा हिस्सा हड़प सकती है, लेकिन वो अपनी कोशिश में सफल नहीं होगी, यह केवल उसका सपना हो सकता है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि मुसलमान हमेशा समाजवादी पार्टी के साथ रहे हैं और हमारी पार्टी के पक्ष में मतदान करना जारी रखेंगे।
मुजफ्फरनगर दंगे में 62 लोग मारे गए, 50 हजार विस्थापित हुए
मुजफ्फरनगर दंगों की जांच करने वाले जस्टिस विष्णु सहाय समिति ने सोम का नाम उन लोगों में लिया था, जिन्होंने हिंसा से पहले भड़काऊ बयान दिए थे। आयोग ने उन दंगों के कारणों की जांच की, जिसमें 62 लोग मारे गए थे और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए थे। सोम को इस मामले में बरी कर दिया गया था। साथ ही उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को भी बाद में वापस ले लिया गया था।
सोम ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैं पिछले 10 वर्षों से एक विशेष समुदाय की जनसंख्या में कई गुना वृद्धि का मुद्दा उठा रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस समस्या को तब तक हल नहीं किया जा सकता, जब तक कि सरकार जनसंख्या विस्फोट की जांच के लिए एक विधेयक नहीं लाती। मैं पार्टी आलाकमान की अनुमति लूंगा और भविष्य की तारीख में यात्रा करूंगा।”