भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून अमल में लाए जाने के बाद गुजरात में भी कुछ ऐसी ही मांग उठने लगी है। यहां भाजपा नेताओं ने मांग की है कि राज्य में ‘लव जिहाद’ बढ़ रहा है या नहीं इसके लिए अलग से एक कानून बनाया जाएगा। पार्टी नेताओं की इस मांग पर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शनिवार (19 दिसंबर, 2020) को कहा कि ऐसा कानून बनाने की जरुरत के बारे में समय आने पर देखा जाएगा।

बता दें कि दभोई से भाजपा विधायक शैलेश मेहता और भरूच के सांसद मनसुख वसावा ने हाल में सीएम को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा ‘हिंदु लड़कियों को लुभाने’ के मामलों की जांच के लिए एक कानून बनाने की मांग की थी। इस पर सीएम रुपाणी ने कहा कि इस मुद्दे (लव जिहाद) पर कई राज्यों में चर्चा हो रही है और ऐसे में इस तरह की चर्चा गुजरात में भी होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, ‘जब वक्त आएगा, तब हम इस बारे में देखेंगे।’ सीएम ने आनंद जिले में किसान सम्मेलन में ये बात कही। रुपाणी वहां तीन कृषि बिलों के संबंध में जागरुकता फैलाने के लिए भाजपा अभियान के तहत वहां पहुंचे थे।

रुपाणी की टिप्पणी वडोदरा में एक अंतरजातीय विवाह से तनाव पैदा होने के कुछ दिन बाद आई है। जहां एक कपल ने मुंबई की एक मस्जिद में ‘निकाहनामा’ में अपने विवाह का पंजीकरण करवाया। नव विवाहित कपल 16 दिसंबर की रात जब वडोदरा लौटा तो उन्हें कथित तौर पर धमकी मिलीं और पड़ोस तनावपूर्ण माहौल के चलते उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने दंपत्ति और उनके परिवारों की काउंसलिंग कराई और दोनों को कानून व्यवस्था संकट को देखते हुए कुछ दिन अपने अपने घर रहने की सलाह दी गई।

बाद में गुरुवार और शुक्रवार को सांसद रंजन भट्ट, विधायक सीमा मोहिले, भाजपा के सिटी अध्यक्ष डॉक्टर विजय शाह और पूर्व मेयर सुनील सोलंकी सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने महिला से मुलाकात की और ‘विवाह तोड़ने की सलाह’ दी। तीन दिसंबर को वसावा ने भी सीएम रुपाणी को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने को कहा। हालांकि भाजपा गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने ऐसी मांगों को खारिज कर दिया जिसमें भाजपा द्वारा लिव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग की गई।