वर्ष 2014 के चुनाव परिणाम से आहत समाजवादी पार्टी नेतृत्व इस साल के लोकसभा चुनाव में ऐसी कोई खामी नही छोड़ना चाहता जो उसे पांच सीटों के दायरे से उबरने में बाधक बने। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के कारण हिस्से में आई उन्नाव संसदीय सीट को हथियाने के लिए 28 मार्च को किए गए अपने फैसले को पलटकर पूजा पाल के बजाय फिर से अरुणशंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महाराज को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया। इसके आधार पर अन्ना ने बुधवार को नामांकन के अंतिम दिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम पटेल की मौजूदगी में अपना नामजदगी का पर्चा भरा।
सपा नेतृत्व की इस पलटी को सियासी विश्लेषक पूरी तरह से एक जाति विशेष को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश भर मानते हैं। अब इसमें उसे कहां तक सफलता मिलती है यह तो 23 मई को ही पता चलेगा, लेकिन स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का भूत इस बार भी उनका पीछा छोड़ने वाला नहीं दिखाई पड़ता क्योंकि अरुणशंकर लखनऊ के डालीगंज के हैं तो दूसरी ओर निवर्तमानन सांसद साक्षी महाराज एटा के मूल निवासी हैं जबकि पूर्व सांसद अन्नू टण्डन का उन्नाव में मायका है। 2014 में मोदी की आंधी चलने के कारण यह फैक्टर कारगर नहीं हो सका लेकिन इस बार यह 2009 की तरह ही अपनी पुनरावृत्ति कर सकता है जिसे अनदेखा राजनीतिक पण्डित भी नही करते।
याद दिला दें कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक उन्नाव जिले की कुल जनसंख्या 31,08,367 है। इसमें 82.9 फीसद ग्रामीण और 17.1 फीसद आबादी शहरी मानी गई है। इस सीट पर सवर्ण 22 फीसद, ओबीसी 29.5 फीसद, अनुसूचित जाति 30.52 फीसद, अनुसूचित जनजाति 0.09 फीसद तथा मुसलिम 16.5 व अन्य 1.39 फीसद हैं। वर्ष 2014 में मोदी लहर के कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा के साक्षी महाराज को 5,18,834, सपा के अरुण शुक्ला को 2,08,661, बसपा के बृजेश पाठक को 2,00,176 तथा कांग्रेस की अन्नू टण्डन को 1,97,098 वोट मिले थे। जबकि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में विजेता रही कांग्रेस की अन्नू टण्डन को 4 लाख 75 हजार 476, दूसरे नंबर पर रहे बसपा के अरुणशंकर शुक्ला को 1 लाख 73 हजार 384 तथा भाजपा के रमेश कुमार को मात्र 51 हजार 102 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था।
वर्ष 2009 में अरुणशंकर शुक्ला ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर 1,73, 384(19.77 फीसद) मत पाए थे तथा 2014 में उन्हें समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ाया तो उनके हिस्से में 2, 08, 661(17.36 फीसद) मत आए लेकिन इन दोनों चुनावों में यदि किसी बात को लेकर साम्यता है तो यह कि इन दोनों चुनावों में अन्ना महाराज दूसरे नंबर पर ही रहे। कुल मिलाकर अरुणशंकर उन्नाव संसदीय सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं जिसमें उनकी कांग्रेस उम्मीदवार अन्नू टण्डन से तीसरी बार तथा निवर्तमानन सांसद साक्षी महाराज से दूसरी बार भिड़ंत होगी। सियासी समझ रखने वालों का मानना है कि समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने पिछड़े व अनुसूचित जाति के मतदाताओं का बिखराव रोकने के साथ-साथ यहां के बहुतायत वाले ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक बार फिर से यह चाल चली है जिसका फायदा घाटा किसे मिलेगा यह कहना अभी जल्दबाजी ही होगा।