Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में महज 15 दिन से भी कम समय बच गया है। भाजपा की तरफ से पीएम मोदी जोरदार तरीके से पार्टी को चुनाव में जीत दिलाने के लिए एक के बाद एक ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं।
इस बीच विभिन्न एजेंसियां और टीवी चैनल भी सरकार के कामकाज के प्रति लोगों की राय, नजरिए के साथ ही पीएम की लोकप्रियता के पैमाने को अपने-अपने मानकों के आधार पर माप रहे हैं। इस क्रम में एक टीवी चैनल के सर्वे में भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है। टीवी चैनल आज तक ने यह सर्वे किया है।
इस सर्वे को 26 से 29 मार्च के बीच किया गया है। मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें है। भाजपा ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया है। ऐसे में इस सर्वे के परिणाम को भाजपा के लिहाज से ठीक नहीं माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश में किए गए इस सर्वे का सैंपल साइज 3190 है। मध्यप्रदेश में 57 फीसदी लोग चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनें। वहीं 34 फीसदी ऐसे लोग हैं जो इस बार राहुल को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं।
सितंबर 2018 में किए गए सर्वे के लिहाज से पीएम की लोकप्रियता में महज 1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दोनों नेताओं के बीच लोकप्रिया का अंतर सितंबर 2018 में 20 फीसदी था जो अब मार्च 2019 में बढ़कर 23 फीसदी हो गया है।
राज्य में 37 फीसदी लोग पीएम के काम से नाखुश हैं। राजस्थान की तुलना में मध्यप्रदेश में केंद्र के काम से अंसुष्ट लोगों की संख्या अधिक है। राजस्थान में 34 फीसदी लोग सरकार के काम से असंतुष्ट थे।
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चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा पीएम उम्मीदवार (28 फीसदी) है। यही वह मुद्दा है जिसे भाजपा सबसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है। इसके बाद 24 फीसदी लोगों का मानना है कि पार्टी का काम चुनाव में मुद्दा होगा। इसके बाद बेरोजगारी का नंबर आता है। 11 फीसदी लोग बेरोजगारी को इस चुनाव में मुद्दा मानते हैं।
सबसे बड़ी बात है कि सरकार की तरफ से जिस किसानों का सबसे बड़ा हितैषी होने की बात की जाती है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत में किसानों की ऋण माफी के वादे का अहम योगदान था। मंदसौर में किसानों के साथ हुई घटना को प्रदेश भूला नहीं है। इन सब के बावजूद महज 9 फीसदी लोग ही किसानों को इस चुनाव में मुद्दा मानते हैं। महज 4 फीसदी लोगों का मानना है कि पार्टी की विचारधारा इस चुनाव में मुद्दा है।