जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के गृह जिले बेगूसराय में मंगलवार को वाम दलों के एक दिवसीय बंद का मिला-जुला असर दिखाई दिया। स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में उपस्थिति सामान्य रही। भाकपा और माकपा के नेताओं के बस अड्डे के पास वाहन रोककर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 अवरुद्ध किया गया। प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों से शटर गिराने की अपील की।

बेगूसराय के पूर्व सांसद और भाकपा केंद्रीय समिति के सदस्य शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि एक दिवसीय बंद का आह्वान कन्हैया की तत्काल रिहाई के लिए किया गया। सिंह ने कहा कि बंद के दौरान कन्हैया पर से देशद्रोह के आरोप को हटाने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही उन वकीलों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है, जिन्होंने पटियाला हाउस अदालत में कन्हैया पर हमला किया था।

कन्हैया का घर बेगूसराय मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बरौनी पुलिस थाने के तहत आता है। उनका मकान बिहट गांव के मसनदपुर टोला में है। कन्हैया के पिता जयशंकर सिंह लकवाग्रस्त हैं। उसकी मां मीना देवी आंगनबाड़ी कर्मी है। कन्हैया के माता-पिता खस्ताहाल मकान में रहते हैं। बिहार में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री लेने के बाद कन्हैया ने इंटरनेशनल स्टडीज में एमफिल करने के लिए 2011 में जेएनयू में दाखिला लिया था। यह उसकी पीएचडी का अंतिम साल है।

कन्हैया का छोटा भाई प्रिंस प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा की तैयारी कर रहा है और दिल्ली में रहता है। वह जेएनयू की घटना के बाद अपने माता-पिता के पास अपने मूल गांव में है। उसने बताया कि पूरा परिवार कन्हैया की रिहाई की बेसब्री से इंतजार कर रहा है। पिता, माता और परिवार के अन्य सदस्य व पड़ोसी टीवी से चिपके हुए हैं। वे बेहद अधीरता के साथ कन्हैया की रिहाई और उस पर से देशद्रोह का आरोप हटाए जाने का इंतजार कर रहे हैंं।