अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच खटपट और जयंत चौधरी की आजम खां के परिवार से मुलाकात के बाद सपा खेमें में हलचल तेज हो गई है। सपा की बागडोर अखिलेश के पास आने के बाद से ही चाचा-भतीजे के बीच नोकझोंक की खबरें आती रही हैं। अब शिवपाल के रवैये ने फिर से इन खबरों को हवा दे दी है। कई मौके ऐसे हैं जब वे योगी सरकार की तारीफ करते दिखे हैं। वहीं, अब उन्होंने अखिलेश से कहा है कि कि वे चाहें तो उन्हें पार्टी से निकाल सकते हैं। हालांकि, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर ने इस तरह की खबरों को खारिज करते हुए गठबंधन साथियों के बीच सबकुछ ठीक होने का दावा किया है।

अखिलेश और शिवपाल के बीच जारी जंग पर ओपी राजभर ने कहा कि झगड़ा हर परिवार में होता है। तू-तू, मैं-मैं होती है, लेकिन विचार सबके एक हैं। महंगाई से निजात अखिलेश, शिवपाल, जयंत सब चाहते हैं। हर आदमी चाहता है कि बेरोजगारी कम हो। उन्होंने आगे कहा कि चाचा-भतीजे एक होंगे वो परिवार का मामला है, उनके घर का झगड़ा है। दूसरे पराए हो जाएंगे। वे एक परिवार के लोग हैं।

शिवपाल यादव हाल ही में कई मौकों पर योगी सरकारी की योजनाओं की तारीफ करते हुए नजर आए हैं। इस पर राजभर ने कहा कि अगर कोई काम पिछली सरकार में शुरू हुआ, पूरा नहीं हुआ तो तो वो रुकेगा थोड़े ही, अगली सरकार उसको बढ़ाएगी ही ना। लैपटॉप बांटने की शुरुआत अखिलेश जी ने की उसे योगी जी आगे बढ़ा रहे हैं तो क्या बुरा है। मकसद अखिलेश जी का भी वही है और योगी जी का भी है। कौन सा नया काम किया है योगी सरकार ने। पांच साल में सिर्फ लखनऊ में बताओ योगी सरकार ने किया है। जो काम कांग्रेस, मायावती और अखिलेश ने किया वो दिख रहा है। लेकिन योगी जी का काम लखनऊ जैसे शहर में जो राजधानी है, जहां पूरा बजट बनता है। वहां तक में भी कोई काम नहीं दिख रहा है।

जयंत चौधरी की आजम खां के परिवार से मुलाकात पर ओपी राजभर ने कहा कि इसमें क्या बुरा किया। बहुत अच्छा किया। अगर किसी पर कोई मुसीबत हो आफत हो तो नेता को वहां जाना चाहिए। अगर जयंत जी ऐसे में गए हैं तो हम उनके कदम का हम स्वागत करते हैं।

हाल ही में शिवपाल यादव ने सीएम योगी से मुलाकात की। वहीं, अखिलेश ने बयान दिया था कि जो बीजेपी के साथ बैठेगा उसके लिए सपा में कोई जगह नहीं। इस पर ओपी राजभर ने कहा कि वे बिल्कुल सही बोले हैं। योगी से तो कोई भी मिल सकता है, वे 24 करोड़ आबादी के मुख्यमंत्री हैं, सिर्फ बीजेपी के मुख्यमंत्री बनकर थोड़े रह सकते हैं। 24 करोड़ आबादी का कोई भी अधिकारी, कोई भी व्यक्ति उनसे मिल सकता है।