पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) की 11 किस्तें दी जा चुकी है। हालांकि, इस दौरान कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठाया गया। ऐसे लोगों के खिलाफ अब सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश में कई ऐसे किसान हैं जिनके अपात्र होने के बावजूद उनके खाते में पैसा चला गया।
कुछ ऐसे भी किसान हैं जो टैक्स भरते हैं लेकिन उनके खाते में पैसा चला गया है। वहीं, ऐसे भी कुछ किसान हैं जिनकी मौत के बाद भी उनके खाते में पैसा गया है। ये मामले सामने आने के बाद कृषि विभाग उन सभी से पैसा वापस लेने की तैयारी कर रहा है। इन किसानों को नोटिस भेजकर पैसा वापस करने को कहा जा रहा है। ‘आज तक’ से बात करते हुए पूरे मामले पर अपर कृषि निदेशक वीके सिसोदिया ने कहा, “किसान सम्मान निधि की शुरूआत के दौरान घोषणा पत्र भरवाकर किसानों के पात्रता की जांच की गई थी। इसी आधार पर उन किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया था।”
उन्होंने आगे कहा, “पूरे डेटा को भारत सरकार ने जब आयकर विभाग से मैच कराया तो, पाया गया कि बहुत से किसान जो करदाता थे, उनको भी किसान सम्मान निधि मिल गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने अपने स्तर से इसे रोकते हुए हम लोगों को यह निर्देश दिया था कि इनसे अतिरिक्त पैसा वापस ले लिया जाए। हम लोग इसे वापस कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। सभी जिलों में पत्र भेजकर किसानों को आगाह कर दिया है कि इतना पैसा मिल गया था और वे उसे वापस कर दें।”
किसानों की तरफ से लेटलतीफी या पैसे वापस करने से इनकार करने की स्थिति में विभाग क्या कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है? इस पर वीके सिसोदिया ने कहा, “अभी तक किसानों की तरफ से ये जाहिर नहीं किया गया है कि वे पैसा नहीं देना चाहते हैं। जितने भी लोगों को नोटिस भेजा गया है, उसमें बड़ी तेजी से लोग पैसा जमा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने केंद्रीयकृत खाता खुलवा दिया है और भारत सरकार ने भी व्यवस्था कर दी है कि ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर वे खुद अपने अकाउंट से RTGS के जरिए पैसा जमा कर सकते हैं। डेथ केस में 77 हजार मामलों में हमने स्टॉप पेमेंट किया है और इनकम टैक्स में करीब 2 लाख से ऊपर की संख्या है।”