Kisan News: पश्चिम बंगाल में आलू की कम कीमत को लेकर किसान परेशान हैं। इसको लेकर ममता सरकार ने गुरुवार को एक बयान जारी किया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर किसानों के आलू की कीमत 6.50 रुपये प्रति किलोग्राम से कम हो जाती है तो वह राज्य में आलू किसानों के नुकसान की भरपाई करने पर विचार कर रही है। राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है।
राज्य में इस साल आलू की बंपर पैदावार के कारण कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में प्रदेश के आलू किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। इसी बीच राज्य सरकार की तरफ से यह बयान सामने आया है। शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आलू की कीमतों में गिरावट को लेकर चिंतित हैं। अगर आलू की कीमत 6.50 रुपये प्रति किलोग्राम से कम होती है तो हमने किसानों को किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई करने का फैसला किया है।
आलू बीज उत्पादन का प्रोजेक्ट शुरू
चट्टोपाध्याय बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित रूरल कनेक्ट कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के संगठनों की मदद करने में हमारी बहुत रुचि है। हमें उन्हें मार्केटिंग में भी मदद करनी है और सात विभागों को शामिल करते हुए एक समिति का गठन किया है।साथ ही सरकार ने पंजाब से आयात पर निर्भरता खत्म करने के लिए आलू बीज उत्पादन का प्रोजेक्ट भी शुरू किया है। चट्टोपाध्याय ने कहा कि मेदिनीपुर और नदिया जिलों में वायरस मुक्त आलू के बीज पर ध्यान देने के साथ बीज उत्पादन शुरू हो चुका है।
पिछले साल सरकार ने 650 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया
सरकार बंगला शस्य बीमा के माध्यम से फसल बीमा भी प्रदान करती है। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि अधिकांश किसानों के लिए बीमा मुफ्त है, आलू और गन्ना किसानों को वार्षिक प्रीमियम का चार से पांच प्रतिशत मामूली शुल्क देना पड़ता है। पिछले साल सरकार ने 650 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था और इस साल का आकलन जारी है। इसके अलावा, सरकार मशीनीकरण को प्रोत्साहित कर रही है और कृषि श्रमिकों की कमी को देखते हुए आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को सब्सिडी दे रही है।