केरल की ग्राम पंचायत में कुर्सी के खेल में कांग्रेस और भाजपा ने लेफ्ट को बाहर रखने के लिए हाथ मिला लिया। केरल के एक ग्राम पंचायत में CPI(M) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को सत्ता से दूर रखने के लिए, पंचायत के कांग्रेस सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा के साथ हाथ मिला लिया। इसके बाद उन्होंने त्रिशूर के मट्टाथुर पंचायत के अध्यक्ष के रूप में एक कांग्रेस बागी को चुना जिसने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। एक अन्य कांग्रेस बागी ​​जिसने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, वामपंथियों का उम्मीदवार था।

इस नाटकीय घटना के बाद राज्य की सत्ताधारी सीपीआई (एम) ने एक बार फिर अपना नारा दोहराया, “आज की कांग्रेस कल की भाजपा है।”इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, “कल केरल के मट्टाथुर पंचायत में जो हुआ, वह एक खतरनाक प्रवृत्ति को उजागर करता है; कांग्रेस सदस्य भाजपा के साथ मिलकर सत्ता हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।”

दलबदल को सामान्य बनाकर लोकतांत्रिक जनादेश को कमजोर करने की राजनीति- पिनरयी विजयन

पिनरयी विजयन ने आगे लिखा, “दलबदल की यह राजनीति दलबदल को सामान्य बनाकर और लोकतांत्रिक जनादेश को कमजोर करके संघ परिवार की परियोजना को सीधे तौर पर मजबूत करती है। अरुणाचल प्रदेश, गोवा और पुडुचेरी में पहले भी देखा गया ऐसा आचरण केरल में भाजपा की महत्वाकांक्षाओं को हवा देता है। कांग्रेस नेतृत्व को इस खतरनाक प्रवृत्ति पर स्पष्ट प्रतिक्रिया देनी चाहिए।”

पढ़ें- BMC चुनाव के लिए बीजेपी-शिवसेना के बीच कितनी सीटों पर फाइनल हुई बातचीत?

केरल में दरअसल, शुक्रवार को पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के लिए चुनाव हुए, जिनसे यह तय होता है कि पंचायत की गवर्निंग बॉडी पर किस पार्टी का शासन होगा। 24 सदस्यीय मट्टाथुर पंचायत में एलडीएफ को सबसे अधिक 10 सीटें मिलीं। कांग्रेस के आठ सदस्य थे जबकि भाजपा के केवल चार सदस्य थे। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के दो बागी भी विजयी रहे।

चुनाव से कुछ मिनट पहले कांग्रेस सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे कर भाजपा उम्मीदवार का समर्थन किया

चुनाव से कुछ ही मिनट पहले, कांग्रेस सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाए गए बागी नेता का समर्थन किया। पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस सदस्यों में से एक भाजपा के समर्थन से उपाध्यक्ष चुने गए। कांग्रेस जिला समिति अध्यक्ष जोसेफ ताजेत ने रविवार को कहा कि दलबदल के आरोप में कांग्रेस के आठ निर्वाचित सदस्यों और दो बागी सदस्यों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने भाजपा से गठबंधन करने वाले सदस्यों को व्हिप जारी किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में इन सदस्यों के खिलाफ चुनाव आयोग में याचिका दायर करेगी।

विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश

त्रिशूर के वरिष्ठ भाजपा नेता बी. गोपालकृष्णन ने कहा कि सीपीआई (एम) कांग्रेस के बागी नेता को उम्मीदवार बनाकर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस सदस्यों के इस्तीफे के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा से समर्थन मांगा था। उन्होंने कहा, “हमने मांग रखी कि कांग्रेस सदस्य पार्टी छोड़ दें, जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी तो हमने उनका स्वागत किया।”

पंचायत अध्यक्ष टेसी जोसेफ (जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी) ने रविवार को मीडिया से कहा, “भाजपा सदस्यों ने शायद CPI(M) के विरोध के कारण हमें वोट दिया होगा। वामपंथी दल पंचायत में सत्ता बरकरार रखना चाहते थे ताकि अपने पिछले शासनकाल के भ्रष्टाचार को छुपा सकें। हमारा प्रयास इसका मुकाबला करना था और अंततः भाजपा ने इसका समर्थन किया।”

पढ़ें- ठाणे नगर निगम चुनाव साथ लड़ेंगे बीजेपी-शिवसेना