तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में सोमवार (16 मई) को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। तमिलनाडु से वोटिंग की कुछ फोटोज भी आई हैं जिनमें डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि और सुपरस्टार रजनीकांत पोलिंग बूथ पर देखे जा सकते हैं।

तमिलनाडु में 9 बजे तक 18.3 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।

तमिलनाडु, केरल, दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों जयललिता और ओमन चांडी एवं उनके चिर प्रतिद्वंद्वियों क्रमश: एम करुणानिधि और वीएस अच्युतानंदन के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। इन दोनों ही राज्यों में बहुकोणीय मुकाबला होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतगणना 19 मई को होगी। पश्चिम बंगाल और असम समेत इन राज्यों में पिछले दो महीने से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार गर्मी में चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। इन विधानसभा चुनावों को मिनी आम चुनाव माना जा रहा है।

भाजपा तमिलनाडु और केरल में पदार्पण करने में जुटी है जबकि तमिलनाडु में अब तक सत्ता क्रमश: अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच तथा केरल में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच ही आती जाती रही है। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता और करुणानिधि के अलावा चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री पद के दो अन्य उम्मीदवार- अभिनेता से नेता बने डीएमडीके-पीडब्ल्यूएफ-टीएमसी गठजोड़ के विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास भी हैं। राज्य में 3740 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कुल 234 निर्वाचन क्षेत्रों में से 233 में ही मतदान होगा क्योंकि चुनाव आयोग ने करूर के अरवाकुरिची विधानसभा क्षेत्र में मतदान मतदाताओं को रिश्वत देने से संबंधित उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की गैर कानूनी गतिविधियों के कारण 23 मई के लिए टाल दिया है। इस सीट के मतों की गिनती 25 मई को होगी। चुनाव अधिकारियों ने तमिलनाडु में बिना लेखा जोखा के 100 करोड़ रुपए से अधिक नकदी जब्त की जो उन पांच राज्यों में सबसे अधिक हैं जहां पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुए हैं। एक लाख से अधिक पुलिस और अद्धसैनिक कर्मी राज्य में 65,000 मतदान केंद्रों की चौकसी संभालेंगे। राज्य में बहुकोणीय मुकाबला है और उनमें भाजपा भी है।

जयललिता लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचने की जुगत में है जबकि 2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी मात खा चुके करुणानिधि अपनी पार्टी द्रमुक को सत्ता में पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। ये दोनों क्रमश: आरके नगर और तिरूवरूर सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। आर के नगर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 45 उम्मीदवार हैं तथा द्रमुक (शिमला मुथुचोलझान) तथा वीसीके (वसंती देवी) ने भी जयललिता से टक्कर लेने के लिए महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के एमएन राजा भी चुनाव मैदान में हैं।

भाजपा के उम्मीदवारों में उसके राष्ट्रीय सचिव एच राजा और प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन शामिल हैं। खुद को विकल्प के तौर पर तीसरे मोर्चे के रूप पेश करते हुए डीएमडीके, पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट (वाइको के एमडीएमके, माकपा, भाकपा, वीसीके) और जी के वास की अगुवाई वाली तमिल मनीला कांग्रेस के गठबंधन ने द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों को ही निशाना बनाया है जिन्होंने हाल के दशकों में एक के बाद एक कर शासन किया। इस गठबंधन ने बदलाव पर जोर दिया। तमिलनाडु को आमतौर पर इस बात के लिए जाना जाता है कि वहां 1967 से दो द्रविड़ दल – द्रमुक और अन्नाद्रमुक को एक एक कर निर्वाचित होते रहे हैं।

केरल में चुनाव प्रचार के दौरान एक दूसरे पर जबर्दस्त हमला करने वाले सत्तारूढ़ यूडीएफ और एलडीएफ अपनी अपनी जीत की आस लगाए हुए हैं जबकि भाजपा अपने पैर जमाने की उम्मीद कर रही है। 109 महिलाओं समेत 1203 उम्मीदवार 140 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के चांडी और माकपा के 92 वर्षीय अच्युतानंदन के अलावा, उनकी पार्टी के सहयोगी पी. विजयन, गृहमंत्री रमेश चेन्नीतल्ला, आइयूएमएल नेता और उद्योग मंत्री पीके कुन्हलिकुट्टी, पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि (केरल कांग्रेस-एम), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ राजगोपालन, तथा क्रिक्रेटर श्रीसंत आदि महत्वपूर्ण उम्मीदवार हैं। कुछ मालीवुड कलाकार भी चुनाव में हैं।

भाजपा ने श्री नारायण धर्म परिपालना योगम द्वारा गठित नई पार्टी भारत धर्म जन सेना के साथ गठजोड़ कर दो धु्रवीय राजसत्ता के लिए चर्चित केरल में चुनाव परिदृश्य में अपनी ताकत लगा दी। वैसे भाजपा अब तक न तो विधानसभा और न ही लोकसभा में केरल से खाता खोल पाई है। श्री नारायण धर्म परिपालना योगम पिछड़े एझवा का एक संगठन है। दो महीने तक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राष्ट्रीय नेता मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए केरल पहुंचे। वैसे केरल की सोमालिया से तुलना करने पर विवाद उत्पन्न हो गया और मलयाली संवेदनशीलता कथित रूप से आहत हुर्इं।

सोशल मीडिया पर पो मोन मोदी (मोदी वापस जाओ) खूब फैला है और दोनों प्रतिद्वंद्वी मोर्चों ने भी उन्हें निशाना बनाया। लेकिन भाजपा ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री का बचाव किया कि लोग उनके बयान पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं जबकि उन्होंने बस आदिवासियों का दुख दर्द सामने रखा था और उनके जीवन स्तर में सुधार की इच्छा प्रकट की थी। कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस के एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव सुधाकर रेड्डी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चक्रवर्ती, पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेताओं ने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया है। सौर घोटाला और दलित महिला से बलात्कार एवं उसकी हत्या अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो केरल में चुनाव प्रचार के दौरान उठे।