चर्च ऑफ साउथ इंडिया (CSI) के मुख्यालय सहित कई परिसरों में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा। ये छापे चर्च द्वारा संचालित एक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए कैपिटेशन फीस (Capitation Fees) लेने से संबंधित एक कथित काले धन घोटाले के सिलसिले में मारे गए। ब्लैक मनी लेनदेन करने के मामले की ईडी जांच कर रही है।

जिन परिसरों में छापे मारे गए उनमें सीएसआई दक्षिण केरल के बिशप धर्मराज रसालम, चर्च के सचिव प्रवीण और मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. बेनेट अब्राहम आदि के आवास शामिल हैं। बिशप बेनेट अब्राहम ने 2014 के लोकसभा चुनाव में तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ भाकपा समर्थित उम्मीदवार थे। यह भी आरोप लगाया गया कि तिकड़ी द्वारा कई लोगों को धोखा दिया गया, जिन्होंने तिरुवनंतपुरम के काराकोणम में डॉ सोमरवेल मेमोरियल सीएसआई मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की पेशकश करके बड़ी रकम एकत्र की।

इससे पहले, चर्च पर यह आरोप लगा था कि छात्रों से ली गई कैपिटेशन फीस बिना किसी रसीद या बिल के एक अलग खाते में जमा कर दी गई थी। 2018 में 11 छात्रों द्वारा फर्जी सामुदायिक प्रमाण पत्र (community certificates) प्रस्तुत करने के बाद कॉलेज में प्रवेश विवादों में घिर गया था।

पिछले साल केरल पुलिस की अपराध शाखा ने इस आरोप की जांच की थी कि कॉलेज ने उन छात्रों को प्रवेश नहीं दिया, जिनसे कैपिटेशन फीस ली गई थी। हालांकि अपराध शाखा ने अदालत को बताया था कि उसे कथित अपराध के लिए सबूत नहीं मिले, लेकिन इस साल की शुरुआत में अदालत ने जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया था।

बिशप रसालम, जो चर्च से संबंधित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ब्रिटेन जा रहे थे, को ईडी के इशारे पर उत्प्रवास अधिकारियों (Emigration Officials) ने हिरासत में ले लिया। जबकि प्रवीण और उसका परिवार रविवार देर शाम से लापता है।

धर्मप्रांत (Diocese) के खिलाफ आरोपों को “निराधार और झूठे आरोपों पर आधारित” बताते हुए, चर्च ऑफ साउथ इंडिया के प्रवक्ता और धर्मप्रांत के ईसाई शिक्षा बोर्ड के निदेशक सीआर गॉडविन ने कहा कि वह ईडी के छापे का स्वागत करते हैं। गॉडविन ने कहा कि सभी आवश्यक दस्तावेज और सबूत कोर्ट में पेश किए गए हैं। उन्होंने कहा, “यह कुछ ईर्ष्यालु व्यक्तियों की करतूत है और हम पहले से ही उनसे कानून की अदालत में लड़ रहे हैं।”