यूपी के पंचायत चुनाव में भाजपा और सपा दोनों अपनी शानदार जीत का ऐलान कर रही हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं कि काशी, अयोध्या और मथुरा में जनता ने भाजपा का साथ कम-कम दिया है। भाजपा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बीच आज सवेरे-सवेरे ट्विटर पर इन चुनावों को लेकर एक सवाल उछाल दियाः क्या यूपी से स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे आ गए हैं? मीडिया में इतना सन्नाटा क्यों है?

जहां से शुरू हुई थी कहानी यानी अयोध्याः रामलला की नगरी में भाजपा को शिकस्त झेलनी पड़ी है। यहां जिला पंचायत सदस्यों की 40 सीटें हैं। सपा का दावा है कि उसने 26 सीटें जीती हैं। भाजपा को छह सीटें बताई जा रही हैं और बाकी सीटें निर्दलीयों के पास गई हैं। निर्दलीय विजेताओं को भाजपा अपना बता रही है। ये लोग दरअसल भाजपा से टिकट मांग रहे थे। जब नहीं मिला तो बगावत कर वे निर्दलीय उतर पड़े।

तीन लोक से न्यारी यानी मोदी जी की प्यारी काशीः भाजपा के साथ यहां वाराणसी में भी अच्छा नहीं हुआ। जिला पंचायत की 40 में आठ सीटें ही उसे मिली हैं। सपा 14 सीटों पर खुद को विजयी बता रही है तो पांच पर बसपा के प्रत्याशी जीते हैं। अपना दल (स) को तीन तथा आप और सुहेलदेव के दल को भी एक-एक सीट मिली है। तीन स्थान निर्दल ले गए हैं।

असली योगीराज का घर यानी मथुराः अयोध्या और काशी में यदि सपा का जलवा रहा तो कृष्ण के क्षेत्र में बसपा का। 12 सीटें उसके हक में गई हैं तो आठ सीटों को आरएलडी अपना बता रही है।

भाजपा को मथुरा जिले में नौ सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। उसके लिए संतोष की बात यह है कि मथुरा कांग्रेस मुक्त हो गया है। वहां उसे एक भी सीट नहीं मिली। सपा को भी एक ही सीट से संतोष करना पड़ा है।