फिलहाल जेनएनयू कैंपस में जश्न का माहौल है। जहां कन्हैया एक बार फिर से छात्रों के बीच अपने विचारों को एक बार फिर से पेश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, कन्हैया को गुरुवार शाम ठीक 6:30 बजे आधिकारिक तौर पर रिहा किया गया। रिहाई के पहले जेल में कन्हैया का मेडिकल किया गया, जिसके बाद उसे कॉलोनी रूट से हरि नगर थाने ले जाया गया और फिर आधिकारिक रूप से रिहा किया गया। गुरुवार को रात में करीब 10:20 बजे कैंपस में छात्रों को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका देश के संविधान में पूरा भरोसा है और पूरी उम्मीद है कि बदलाव आकर रहेगा। कन्हैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह वह भी कहना चाहते हैं कि सत्यमेव जयते। हालांकि कन्हैया ने अपने अधिकारों की आजादी की एक बात फिर से छात्रों के बीच कही। कन्हैया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह यहां लोगों से अपने साथियों से अनुभव साझा करने आए हैं, भाषण देने नहीं, कन्हैया ने कहा, ‘अत्याचार के खिलाफ जेएनयू ने हमेशा आवाज बुलंद की है और हमेशा करता रहेगा। लेकिन जेएनयू के खिलाफ सुनियाजित हमला किया गया। उन्होंने कहा आजादी देश के अंदर आजादी मांगना गलत है लेकिन हम भारत से आजादी नहीं, भारत में आजादी मांग रहे हैं।’ कन्हैया ने कहा हम गरीबी से आजादी मांगकर रहेंगे। इसी मुल्क में रहकर मांगेंगे। ये आंदोलन बड़ा है, रोहित को मारो रोहित का आंदोलन भी बड़ा बना। कन्हैया ने कहा संघर्ष को तुम जितना दबाओगे, हम उतना मजबूती से खड़े होंगे। कहा बुनियादी सवालों मे ंजनता को भटकाने की कोशिश की गई है।
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जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष ने एबीवीपी पर हमला करते हुए कहा, ‘हम एबीवीपी को विपक्षी दल मानते हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी नारों और कालाधन वापसी के नारों पर वार करते हुए कन्हैया ने कहा कि अभी तक कालाधन नहीं आया। उसने ‘अच्छे दिन’ और ट्विटर पर पीएम के एक्टिवनेस पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ट्विटर पर सत्यमेव जयते कहते हैं। सत्यमेव जयते किसी एक दल का नहीं है। यह देश का है। हम भी सत्यमेव जयते कहते हैं।’ साथ ही कहा, मोदी जी मन की करते हैं लेकिन सुनते नहीं है मन की बात।
हम जेएनयू के लोग सभ्य सालीन तरीके से बात तो करते हैं लेकिन परोसा किसी और तरीके से जाता है। जो देश के आम लोगों को समझ नहीं आती है, क्योंकि उनके पास पहुंचता कुछ और है।
उन्होंने कहा फर्जी ट्विट वाले संघी से आजादी चाहिए। कन्हैया ने छात्रों के बीच सीमा पर लगे जवानों की सराहना कर उन्हें सैल्यूट कहा। कन्हैया ने कहा कि पुलिस में गरीब परिवार के लोग ही आते हैं। जिन्हें 110 रुपए भत्ता मिलता हैं। कन्हैया ने लाल कलाम का मतलब इंकलाब जिंदाबाद बताया।
