लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री “काली” के पोस्टर को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को काली पोस्टर की आलोचना की। शिवसेना सांसद ने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवी-देवताओं का उपहास करने लिए नहीं है। वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा की देवी काली पर टिप्पणी से पल्ला झाड़ लिया है।

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता केवल हिंदू देवी-देवताओं के लिए आरक्षित नहीं की जा सकती, जबकि बाकी सभी की धार्मिक संवेदनाओं का ख्याल रखा जाए। मां काली पर फिल्म के पोस्टर से मैं आहत हूं, सम्मान सभी के लिए समान होना चाहिए और दुश्मन को कभी भी जानबूझकर अपमानित करने का साधन नहीं बनना चाहिए।

महुआ मोइत्रा ने क्या कहा था?
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि उनके लिए काली मांस-मदिरा स्वीकार करने वाली देवी हैं। इस बात की हर किसी को आजादी है कि वो अपने भगवान की किस तरह से कल्पना करता है। इस पर किसी को कोई ऐतराज भी नहीं होना चाहिए। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से पूजा की जाती है, जिस पर हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

मोइत्रा ने कहा, “अगर आप सिक्किम और भूटान जाओगे तो वहां के लोग जब सुबह पूजा करते हैं तो वो व्हिसकी चढ़ाते हैं। वहीं, कई जगह ऐसी हैं, जहां लोग इसको भगवान के तिरस्कार के रूप में देखते हैं। तो यह किसी भी व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है को वो किस तरह मानते हैं। मेरे लिए देवी काली मदिरा और मांस स्वीकार करने वाली है।”

उन्होंने कहा, “मैं एक हिंदू हूं और काली की पूजा करतूी हूं तो ये मेरी आजादी होनी चाहिए कि मैं उनकी कल्पना किसी तरह करूं। मुझे नहीं लगता है कि इससे किसी की भावनाएं आहत होनी चाहिए। मुझे भी उतनी ही आजादी है, जितनी किसी और को कि वो देवी काली को शाकाहारी की तरह देखते हैं।”

बता दें कि, पोस्टर सामने आने के बाद फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की जा रही है। लखनऊ और दिल्ली में उन पर केस भी दर्ज कर लिया गया है।