हाल में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एवं हैदराबाद विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में शीर्ष पर हैं जबकि आइआइटी मद्रास एवं आइआइएम बंगलुरु प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थानों में अव्वल हैं। सरकार द्वारा सोमवार जारी अभी तक की पहली घरेलू रैकिंग में इन संस्थानों को शीर्ष स्थान दिया गया है। प्रौद्योगिकी संस्थानों में आइआइटी मुंबई को दूसरा स्थान मिला है जबकि इसके बाद आइआइटी खड़गपुर, आइआइटी दिल्ली एवं आइआइटी कानपुर का स्थान है। मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मेसी देश के फार्मेसी शिक्षण संस्थानों में सबसे आगे है।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एनआइआरएफ) में चार श्रेणी की 3500 विभिन्न संस्थाओं को शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय श्रेणी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलुरु (जो एक मानद विश्वविद्यालय है) को शीर्ष रैकिंग वाला संस्थान माना गया है जबकि रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान (आइसीटी) मुंबई का स्थान इसके बाद है।
विशेषज्ञों की समिति ने इस रैंकिंग के लिए जिन कारकों को चुना उनमें छात्रों, पूर्व छात्रों, अभिभावकों, कर्मचारियों एवं जनता के बीच धारणा प्रमुख है। शिक्षण एवं अध्ययन संसाधन, शिक्षा परिणाम, अनुसंधान आदि अन्य कारक हैं।
स्मृति ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि इस बात का प्रयास है कि रैकिंग प्रणाली को वार्षिक आधार पर निकाला जाए तथा और श्रेणियों को जोड़ा जाए ताकि छात्र दाखिला लेने से पहले संस्थान के बारे में जान सके।
उधर तीसरे स्थान पर रहे आइआइटी खड़गपुर के निदेशक पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने कहा,‘हम प्रमुख रूप से अपने शिक्षक-छात्र अनुपात की वजह से पिछड़ गये। हमारे यहां छात्रों की संख्या 11300 से ज्यादा है, जो सर्वाधिक है। अन्य सभी क्षेत्रों में हमारा प्रदर्शन शीर्ष के करीब का था।’
विवादों के कारण पिछले दिनों सुर्खियों में आया जेएनयू केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अग्रणी स्थान पर है जबकि रोहित वेमुला की आत्महत्या के कारण विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में रहा हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय चौथे स्थान पर है। विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव पोडिले ने संस्थान के देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल होने पर खुशी जताई है और अच्छा काम करते रहने का संकल्प लिया है।
राव ने विश्वविद्यालय के देश के संस्थानों में चौथे स्थान पर आने का श्रेय शिक्षकों, छात्रों और गैर शिक्षण कर्मचारियों को दिया। पोडिले ने कहा,‘हम इस उपलब्धि को लेकर बहुत सम्मानित महसूस करते हैं और विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करने के लिए और प्रयास करेगा कि संस्थान को उसकी पढ़ाई और शोध के लिए विश्वस्तर पर पहचान मिले। हमारे पूर्व छात्रों ने इस विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और बेहतरीन छात्र देना हमारी जिम्मेदारी है जो भारत के लिए आदर्श नागरिक बन सकें।’