माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए कथित रूप से धमकी भरे फोन कॉल मिले हैं। जेएनयू के छात्र, विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) जतिन नरवाल ने कहा कि उन्हें इसे लेकर एक शिकायत मिली है और जांच शुरू कर दी गयी है। हालांकि अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी के मुख्यालय में रविवार रात साढ़े दस बजे और एक बजे के बीच धमकी भरे तीन कॉल किए गए।
सूत्र ने कहा, ‘‘फोन करने वाले जेएनयू मुद्दे के समर्थन को लेकर पार्टी के महासचिव को अपशब्द कह रहे थे। उन्होंने कहा ‘वह जो भी (येचुरी की तरफ कथित संकेत) कर रहे हैं वह सही नहीं है और उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करना जारी रखा तो हम उन्हें देख लेंगे।’ ’’
सूत्र ने कहा, ‘‘उन्होंने (फोन कॉल करने वालों) कहा कि वे आम आदमी बलवीर सेना नाम के किसी संगठन से हैं। हमें शक है कि यह वही संगठन है जिसने कल हमारे मुख्य कार्यालय पर हमला किया।’’ वहीं पुलिस को एक ही व्यक्ति के सभी फोन कॉल करने का संदेह है। सूत्र ने कहा कि पार्टी ने जहां से फोन कॉल आए, उन नंबरों का पता कर लिया है और इस संदर्भ में मंदिर मार्ग पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज करायी।
इसी बीच पुलिस ने कल माकपा के मुख्यालय पर हमले के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कर ली जिसके बाद तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया। रविवार कुछ युवकों के एक समूह ने कथित रूप से पार्टी मुख्यालय में तोड़फोड़ की थी। पार्टी के सदस्यों ने उनमें से एक सुशांत खोसला को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया जबकि बाकी दो वेद प्रकाश और रॉकी ने बाद में आत्मसमर्पण किया। युवकों ने पुलिस से कहा कि वह ‘आम आदमी सेना’ के सदस्य हैं जबकि पार्टी ने उनके आरएसएस सदस्य होने का आरोप लगाया है।
इससे पहले गत 13 फरवरी को भाकपा ने दावा किया था कि पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डी राजा को जेएनयू छात्रों की कुमार की रिहाई संबंधी मांग का समर्थन करने के लिए धमकी भरे कॉल मिले थे।
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