Coronavirus Latest News in India: रांची जिले में कांके ब्लॉक के सुकुरहुट्टु पंचायत में सात सदस्यीय लोहरा परिवार के लिए अप्रैल का महीना खासा मुश्किलों भरा बना हुआ है। वैसे तो इस परिवार के लिए जीवन कभी आसान नहीं रहा मगर 21 दिनों के लॉकडाउन से इनके जीवन पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है। परिवार में 55 वर्षीय कालेश्वर लोहरा दिहाड़ी मजदूर हैं, मगर पिछले तीन महीने से वो अपने दोनों पैरों में संक्रमण की पीड़ी से गुजर रहे हैं। उनकी बेटी संध्या जो घर से दस किलोमीटर दूर रांची सिटी में घरेलू नौकरानी काम करती थीं अब बेरोजगार हैं और घर में खाली बैठी हैं।

परिवार अंत्योदय अन्न योजना लाभार्थियों की क्षेणी में आता है जिन्हें एक रुपए किलो की दर से हर महीना 35 किलो चावल मिलता है। प्रदेश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू होने के चलते झारखंड सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को ‘दोगुना राशन’ देने की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा के बाद इस परिवार के पास 70 किलो चावल होने चाहिए थे। संध्या कहती हैं, ‘मगर राशन डीलर हमेशा कटौती करता हैं। इस बार हमें 60 किलो ही चावल दिए गए और इसके साथ ही कहा कि राशन अप्रैल और मई दोनों महीने के लिए है।’

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उनकी रसोई में एक एलपीजी सिलिंडर हैं जो परिवार को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिला था। मगर अब ये सिलिंडर खाली है। संध्या कहती हैं कि गैस भरवाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। बता दें कि सरकार ने प्रत्येक महिला जन धन खाता धारक के खाते में 500 रुपए डलवाने की घोषणा की है। हालांकि संध्या इसे लेकर उत्साहित नहीं हैं। वो कहती हैं, ‘बैंक घर से बहुत दूर हैं। ऐसे में वहां कैसे जाएं कि पैसे आए हैं या नहीं?’ संध्या आगे कहती हैं कि हालांकि गांव के कुछ लोग बैंक गए थे, मगर पैसे नहीं आए हैं।

उल्लेखनीय है कि कागजों पर 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान गरीबों के लिए प्रर्याप्त सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं। जैसे मुफ्त अनाज से लेकर विकलांगता और वृद्धावस्था पेंशन, एलपीजी सिलिंडर और आंगनवाड़ी की आपूर्ति बनाए रखना। मगर धरातल पर ये योजनाएं खराब क्रियान्वयन से प्रभावित हैं।

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वहीं तीन संतानों की मां अर्पणा बारा कहती हैं कि कांके ब्लॉक कार्यालय द्वारा अनियमितताएं पाने जाने पर राशन डीलर का लाइसेंस निलंबित किए जाने के बाद से वो राशन पाने के लिए इधर-उधर भाग रही हैं। वो पूछती है कि हाल ही में पता चला कि नया डीलर लगभग 5 किमी दूर है। अब हम वहां कैसे जा पाएंगे?