Jharkhand Political Crisis: झारखंड में गहराते सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक बसों में लतरातू बांध से रांची लौट आए हैं. इससे पहले सीएम सोरेन और सत्तारूढ़ विधायक तीन बसों से खूंटी जिले के लतरातू बांध पहुंचे थे। वहीं, JMM अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी में है ताकि भाजपा की सरकार गिराने की कोशिश को रोका जा सके। इस मुद्दे पर एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी नेता ने कहा कि बहुमत का आंकड़ा होता तो सरकार मीट-भात खाने नहीं जाती।

बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली ने कहा, “एंकर को मीट का ऑफर दे दिया, विधायकों को मीट भात का लालच दे दिया। मीट-भात पर यहां सरकारें बनती हैं। बताइए जनता देख रही होगी कि आपस में मीट-भात खा रहे हैं और हमें भूल गए हैं।” बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा, “भ्रष्टाचार में लिप्त किसी मुख्यमंत्री अगर अपने पद से जाना होता है तो उस पर तीन-तीन पार्टियों के राजनीतिक प्रवक्ता बैठकर डिबेट कर रहे हैं। कैलकुलेटर लेकर बैठे हैं कि हमारे पास कितने विधायक हैं, किस्टने मंत्री हैं और बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री वही रहेंगे।”

राजीव जेटली ने आगे कहा, “ये सबको मीट-भात खिला रहे हैं। वो तो मैं नॉन-वेज नहीं खाता वरना ये मुझे भी कहते कि भाजपा के नेता को भी ले चलो मीट-भात खिलाने। जिसपर कांग्रेस नेता मयूर शेखर झा ने कहा कि बिल्कुल आइए आपको वेज खाना खिलाएंगे, हमारा दिल बहुत बड़ा है।

डिबेट में भी रिश्वत देने लगे: बीजेपी प्रवक्ता बोले कि ये वक्त था कि ये बोल सकते थे कि हां अगर हमारा कोई नेता भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है तो हम दूसरा मुख्यमंत्री लाएंगे। उन्होंने आगे कहा, “जरूरी नहीं है कि जेएमएम, कांग्रेस में सभी नेता भ्रष्ट हैं। लेकिन गठबंधन ऐसा बना रखा है कि ऊपर से नीचे तक एक भी नेता ऐसा नहीं है जिसे ये कहा जा सके कि वो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है। झारखंड में भ्रष्टाचार के ऊपर बात ना करके, महागठबंधन की सारी पार्टियां अपने विधायक गिन रहे हैं। अब तो ये डिबेट में भी रिश्वत देने लगे हैं।”

इस बीच एंकर ने मजा लेते हुए कहा कि अरे ये रिश्वत नहीं है। कल को आप मुझे डिनर पर बुलाएंगे तो क्या वो रिश्वत है। इसका जवाब देते हुए राजीव जेटली ने कहा कि अरे मैं आपको क्यों बुलाऊंगा? जिस पर एंकर ने कहा कि अरे कितनी बार तो आपने स्टूडियो में बुलाया है। जिस पर राजेव जेटली ने कहा कि मैं आपको क्यों बुलाऊंगा मैं खुद आपके घर आऊंगा।

वहीं, सीएम सोरेन ने शनिवार (27 अगस्त, 2022) को लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक बुलाई। इस बैठक में महागठबंधन यानी आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों को भी बुलाया गया था। सूत्रों के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भेजा जा सकता है ताकि भाजपा के सरकार गिराने की रणनीति को रोका जा सके।