झारखंड विधानसभा में स्पीकर ने नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा आवंटित किया है। कमरा आवंटित किए जाने के बाद मुस्लिम विधायक विधानसभा के अंदर ही नमाज पढ़ सकेंगे। नमाज के लिए कमरा आवंटित किए जाने के बाद अब भाजपा ने भी विधानसभा के अंदर पूजा पाठ के लिए हनुमान मंदिर बनाने की मांग उठाई है।

दरअसल झारखंड विधानसभा स्पीकर रबींद्र नाथ महतो के आदेश पर नमाज के लिए कमरा आवंटित किया गया है। विधानसभा की ओर से जारी आदेश के अनुसार विधानसभा की नई बिल्डिंग में कमरा संख्या TW-348 को नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है। विधानसभा के अंदर नमाज पढ़ने के लिए कमरा दिए जाने की चिट्ठी सामने आते ही भाजपा विधायकों ने भी मंदिर बनाए जाने की मांग शुरू कर दी है। 

झारखंड विधानसभा के पूर्व स्पीकर और भाजपा नेता सीपी सिंह ने इस मामले पर कहा कि मैं नमाज के लिए कमरा दिए जाने के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन उन्हें विधानसभा के अंदर एक मंदिर भी बनाना चाहिए। मैं यहां तक मांग करता हूं कि विधानसभा के अंदर हनुमान मंदिर की स्थापना की जाए। अगर स्पीकर मंदिर बनाने की मंजूरी दे देते हैं तो हम अपने खर्च पर ही मंदिर बना लेंगे।

भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने भी विधानसभा के अंदर हनुमान मंदिर बनाने की मांग की। भाजपा विधायक ने नमाज के लिए कमरा आवंटित किए जाने की चिट्ठी को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा कि झारखंड विधानसभा में नमाज़ कक्ष खोला गया मैं उसका विरोध नहीं करता। बस इतना कहता हूँ कि विधानसभा के अंदर एक बजरंगबली का मंदिर बनवाने की इच्छा है कृपया अध्यक्ष जी अनुमति दें ताकि हमलोग एक सुंदर मंदिर विधानसभा के अंदर बना कर उसमें पूजा कर सकें।

हालांकि भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर के इस फैसले को गलत करार दिया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र का मंदिर लोकतंत्र के मंदिर के रूप में ही रहना चाहिए। झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करना गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।

भाजपा नेताओं के द्वारा इस मामले को तूल दिए जाने पर स्पीकर रबींद्र महतो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह काफी पुरानी व्यवस्था है और पहले भी नमाज के लिए कमरा आवंटित किया जाता रहा है। पुराने विधानसभा भवन में नमाज के लिए जगह की व्यवस्था थी लेकिन नए विधानसभा सभा में कोई जगह नहीं दिया गया था। इसलिए एक कमरे की व्यवस्था की गई है। वहीं सत्तारूढ़ जेएमएम ने भाजपा नेताओं के द्वारा उठाए गए इस मामले पर कहा कि बिहार विधानसभा में भी यह व्यवस्था लागू है लेकिन बीजेपी इन बातों के जरिए धार्मिक विद्वेष फैलाना चाहती है।